क्या बांग्लादेश की जेल में बंगाल के मूक-बधिर मछुआरे की मौत हुई थी यातना के कारण?

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क्या बांग्लादेश की जेल में बंगाल के मूक-बधिर मछुआरे की मौत हुई थी यातना के कारण?

सारांश

बांग्लादेश की जेल में एक मूक-बधिर मछुआरे की संदिग्ध मौत ने कई सवाल उठाए हैं। परिवार का आरोप है कि उसे जेल में यातना दी गई। जानिए इस मामले की पूरी जानकारी और क्या है इस मौत की सच्चाई।

Key Takeaways

  • बाबुल दास की संदिग्ध मौत ने मानवाधिकार मुद्दों को उजागर किया है।
  • परिवार का आरोप है कि जेल में यातना दी गई थी।
  • बांग्लादेशी नौसेना ने मछुआरों को गिरफ्तार किया था।
  • मृतक के परिवार ने दोबारा ऑटोप्सी कराने का निर्णय लिया है।
  • इस घटना से भारत-बांग्लादेश के सम्बन्धों में तनाव बढ़ सकता है।

कोलकाता, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना स्थित एक मछुआरे की बांग्लादेश की जेल में मौत हो गई। काकद्वीप का निवासी बाबुल दास बोल और सुन नहीं सकता था। उसके परिवार का आरोप है कि जेल में उसे शारीरिक यातना दी गई, जिससे उसकी जान चली गई।

पुलिस के अनुसार, 25 वर्षीय बाबुल दास काकद्वीप के पश्चिम गंगाधरपुर का निवासी था।

मूक-बधिर दास को अन्य मछुआरों के साथ भारत-बांग्लादेश जल क्षेत्र का कथित उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

परिवार को उसकी मौत की खबर शनिवार रात मिली, जिसके बाद उनके परिजनों का बुरा हाल हो गया है।

सूत्रों के अनुसार, दास विचाराधीन कैदी था और उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, लेकिन परिवार को इस पर संदेह है। कोलकाता स्थित बांग्लादेश उप उच्चायोग ने परिजनों को इसकी सूचना दी थी।

पুলিশ के अनुसार, 13 जुलाई को दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप से 'एफबी मंगलचंडी' और 'एफबी झार' नामक दो ट्रॉलर रवाना हुए थे। बांग्लादेशी नौसेना ने आरोप लगाया कि ये दोनों ट्रॉलर उनके जल क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे।

दोनों नौकाओं में 34 मछुआरे थे जो गहरे समुद्र में हिल्सा मछली पकड़ने गए थे। बांग्लादेशी नौसेना ने उन्हें मोंगला बंदरगाह पुलिस स्टेशन को सौंप दिया।

15 जुलाई को इन्हें गिरफ्तार किया गया और बागेरहाट कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। तब से वे बांग्लादेशी जेलों में विचाराधीन कैदियों के रूप में बंद हैं।

मृतक के भाई, बासुदेब दास, ने पत्रकारों को बताया कि शनिवार रात उसे हार्वुड प्वाइंट कोस्टल पुलिस स्टेशन से दुखद खबर मिली।

परिवार इस मौत के कारण को लेकर असमंजस में है। हालांकि बांग्लादेश के उच्च उपायुक्त ने फोन पर मौत का कारण बताया, लेकिन परिवार इसे मानने को तैयार नहीं है। बाबुल के भाई ने कहा, "दादा बोल-सुन नहीं सकते थे, लेकिन इसके अलावा उन्हें कोई अन्य शारीरिक समस्या नहीं थी। वो बहुत ताकतवर और सेहतमंद थे। हमें उनकी मौत पर संदेह है। हम उनके शव को काकद्वीप लाकर दोबारा ऑटोप्सी कराना चाहते हैं।"

मौत की खबर के बाद, सुंदरबन श्रमजीवी मत्स्य संघ के सचिव सतीनाथ पात्रा ने परिवार से मुलाकात की। उन्होंने आश्वासन दिया कि मृतक का शव जल्द ही परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पात्रा ने कहा, बांग्लादेश की जेल में बंद मछुआरे की खबर वास्तव में दुखद है। हम उसका शव लाने की पूरी कोशिश करेंगे।

Point of View

यह दर्शाते हैं कि हमें मानवाधिकारों और कैदियों की स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हमें इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

बाबुल दास कौन था?
बाबुल दास एक मूक-बधिर मछुआरा था जो पश्चिम बंगाल के काकद्वीप का निवासी था।
बाबुल की मौत का कारण क्या है?
परिवार का आरोप है कि उसकी मौत जेल में शारीरिक यातना के कारण हुई।
क्या बांग्लादेश ने बाबुल को गिरफ्तार किया था?
हाँ, बाबुल को भारत-बांग्लादेश जल क्षेत्र का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
परिवार ने शव का क्या करने का फैसला किया है?
परिवार ने बाबुल के शव को काकद्वीप लाकर दोबारा ऑटोप्सी कराने का निर्णय लिया है।
क्या बांग्लादेश ने इस मामले पर कोई बयान दिया है?
बांग्लादेश उप उच्चायोग ने परिवार को बाबुल की मौत की सूचना दी थी।
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