क्या बांग्लादेश में सिंगर अबुल सरकार की रिहाई के लिए छात्र सड़कों पर उतरे?
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में तनावपूर्ण स्थिति
- अबुल सरकार की रिहाई की मांग
- प्रदर्शन के दौरान हिंसा की घटनाएं
- धार्मिक और सांस्कृतिक संघर्ष
- डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स अलायंस की भूमिका
ढाका, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। यहां हर दिन प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं देखने को मिलती हैं। एक तरफ अवामी लीग का विरोध प्रदर्शन जारी है, वहीं दूसरी ओर बाउल कलाकार अबुल सरकार की रिहाई की मांग को लेकर डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स अलायंस के कई सदस्य सड़कों पर उतर आए।
अबुल सरकार की रिहाई की मांग को लेकर बांग्लादेश में डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स गठबंधन के सदस्यों ने मानव श्रृंखला बनाई। इस दौरान कई लोग घायल भी हुए। यह घटना बुधवार की शाम की है, जब खुलना शहर के शिबारी चौराहे पर 'स्टूडेंट्स-पीपुल' के बैनर तले एक अलग समूह ने धर्म का अपमान करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन आरंभ किया।
बांग्लादेशी मीडिया के अखबार प्रोथोम आलो के अनुसार, चश्मदीदों के हवाले से बताया गया कि डेमोक्रेटिक स्टूडेंट अलायंस के नेताओं और सदस्यों पर तब हमला हुआ जब वे बैनर लेकर सड़कों पर उतरे। इस दौरान उनसे बैनर छीनकर आग लगा दी गई।
खुलना मेट्रोपॉलिटन पुलिस के ऑफिसर-इन-चार्ज (ओसी) कबीर हुसैन ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि डेमोक्रेटिक वामपंथी छात्रों की मानव श्रृंखला पर स्टूडेंट्स और आम जनता ने हमला किया।
डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स अलायंस के अनुसार, उनका विरोध प्रदर्शन देश भर में बाउल कलाकारों पर हुए हमलों, धार्मिक स्थलों और मंदिरों में तोड़फोड़ और विभिन्न धर्मों के लोगों के खिलाफ हिंसा की निंदा करने के लिए किया गया था।
छात्र संघ की जिला समिति के जनरल सेक्रेटरी सजीब खान ने कहा, "हमने दोपहर करीब 3 बजे शिब्बारी में पोजीशन ली। हालांकि पुलिस मौजूद थी, फिर भी शाम करीब 5 बजे हमारे ऊपर हमला किया गया।"
उन्होंने आरोप लगाया कि दूसरा समूह छात्र और आम जनता के नाम पर आए जरूर थे, लेकिन वे यूनाइटेड पीपल्स बांग्लादेश (यूपीबी) और इस्लामी छात्र शिबिर के सदस्य थे। यूपीबी रेडिकल इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी की छात्र विंग है।
ढाका यूनिवर्सिटी में वामपंथी छात्र संगठन ने खुलना में डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स अलायंस प्रोग्राम पर हमले और देश भर में बाउल प्रेमियों पर हाल ही में हुए हमलों का विरोध किया। वामपंथी छात्र संगठन ने ढाका यूनिवर्सिटी में बुधवार रात एक टॉर्च जुलूस निकाला।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, "लालोन साई के बंगाल में कट्टरपंथ के लिए कोई जगह नहीं है, अबुल सरकार मेरा भाई है, हम अब उसकी रिहाई की मांग करते हैं, ठाकुरगांव में किसने हमला किया? सांप्रदायिक आतंकवादियों ने, अबुल सरकार को क्यों गिरफ्तार किया गया? हमें जवाब चाहिए और वाह यूनुस कमाल है, आतंकवादियों का रखवाला।"
ढाका यूनिवर्सिटी यूनिट के छात्र संघ के प्रेसिडेंट मेघमल्लर बसु ने प्रदर्शनकारियों पर हुए हमले की निंदा की और आरोप लगाया कि इस घटना में छात्र शिबिर, यूपीबी, और नेशनल सिटीजन पार्टी के सदस्य शामिल थे।
बांग्लादेशी अखबार, द बिजनेस स्टैंडर्ड ने छात्र नेता के हवाले से कहा, "हम एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गए हैं जहां डेमोक्रेटिक ताकतें भी खुद को आजादी से जाहिर नहीं कर पा रही हैं।"
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, सांस्कृतिक संस्थानों और कई धार्मिक जगहों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। इससे दुनिया भर के लोगों और कई मानवाधिकार संगठनों में गुस्सा है।