क्या बरेली में मौलाना तौकीर रजा के करीबी नफीस पर वक्फ संपत्ति में फर्जी गिफ्ट डीड बनाने का आरोप है?
सारांश
Key Takeaways
- नफीस और उनकी पत्नी पर वक्फ संपत्ति में धोखाधड़ी के आरोप।
- मुकदमा मोहम्मद कमर अख्तर की तहरीर पर दर्ज हुआ।
- वक्फ संपत्ति की फर्जी गिफ्ट डीड का मामला विवाद का केंद्र।
- बरेली पुलिस की कार्रवाई से न्याय की उम्मीद।
- संपत्ति विवादों में कानूनी प्रक्रिया का महत्व।
बरेली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बरेली में मौलाना तौकीर रजा के करीबी नफीस की स्थिति कठिन हो गई है। बरेली पुलिस ने नफीस और उनकी पत्नी फरहत बेगम के खिलाफ वक्फ संपत्ति में फर्जी गिफ्ट डीड बनाने और उस पर कब्जा करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
यह मुकदमा पीड़ित मोहम्मद कमर अख्तर की तहरीर पर शुरू हुआ। तहरीर में उल्लेख किया गया है कि नन्हों कुजडी, जिन्हें मोहम्मद कमर अख्तर अपनी दादी कहते थे, ने अपनी मृत्य से पूर्व वक्फ संख्या 26ए की संपत्ति को शिकायतकर्ता के दादा साबिर हुसैन और उनके तीन पुत्रों (साकिर हुसैन, जाकिर हुसैन और नासिर हुसैन) के नाम वसीयत कर दी थी।
वक्फ संख्या 26ए की संपत्ति में 95 गज का एक मकान है, जिसमें 5 दुकानें हैं। इनमें से एक दुकान में नन्हों कुजडी खुद सब्जी की दुकान चलाती थीं। उनकी कोई संतान नहीं थी, इसलिए उन्होंने साबिर हुसैन को अपना मुंहबोला भाई माना।
शिकायतकर्ता का कहना है कि उनके पिता साकिर हुसैन का नफीस की दुकान पर आना-जाना था। नफीस ने अपनी पत्नी फरहत बेगम के नाम पर उस वक्फ संपत्ति को 1996 में 30 साल के लिए लीज पर ले लिया। शिकायतकर्ता के पिता के 2022 में निधन के बाद, नफीस और फरहत बेगम ने धोखाधड़ी करके फर्जी गिफ्ट डीड तैयार की और संपत्ति को अपने दोनों बेटों (नौमान खान और फरहान खान) के नाम कर लिया।
इसी संदर्भ में मोहम्मद कमर अख्तर ने बरेली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस से यह निवेदन किया है कि वक्फ संपत्ति उन्हें वापस दिलाई जाए और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
फिलहाल, मोहम्मद कमर अख्तर की शिकायत पर बरेली पुलिस ने नफीस के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है।