क्या बरेली में उपद्रव के आरोपी नफीस खां के बरातघर पर चला बुलडोजर?

सारांश
Key Takeaways
- बरेली में बवाल के बाद प्रशासन ने कार्रवाई तेज की।
- डॉ. नफीस खां के बरातघर पर बुलडोजर चलाया गया।
- भारी पुलिस बल और पीएसी मौके पर तैनात थी।
- अवैध संपत्तियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रयास जारी हैं।
बरेली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के बरेली में हाल ही में हुए बवाल के पश्चात, प्रशासन ने आरोपियों की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई को तेज कर दिया है। इसी संदर्भ में शनिवार को बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) ने, आईएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और बवाल के आरोपी डॉ. नफीस खां के जखीरा स्थित बरातघर 'रजा पैलेस' पर बुलडोजर चलाया। इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल और पीएसी की मौजूदगी देखी गई।
इस कार्रवाई से पूर्व, प्रशासन ने बिजली कनेक्शन काटने के बाद बीडीए की टीम तीन बुलडोज़रों के साथ मौके पर पहुंची और अवैध हिस्से को ध्वस्त कर दिया। रजा पैलेस, डॉ. नफीस खां और उनके साझेदार शोहेब बेग की संपत्ति मानी जाती है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, यह इमारत वक्फ या सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के तहत बनाई गई थी। जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस फोर्स, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया गया।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि हिंसा और उपद्रव में शामिल लोगों की अवैध संपत्तियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
इससे पहले, पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा, डॉ. नफीस खां और नदीम खां को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके अलावा, नफीस की मार्केट को भी बवाल के बाद सील किया गया था। उधर, फाइक इंक्लेव में फरहत खां के मकान पर भी प्रशासन ने कार्रवाई की।
बीडीए द्वारा दिए गए नोटिस की अवधि समाप्त होने के बाद, शनिवार को टीम ने मकान पर पहुंचकर गेट का ताला तोड़कर प्रशासनिक ताला लगाकर मकान को सील कर दिया। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री समेत प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।
बीडीए के एक अधिकारी ने कहा कि रजा पैलेस पर यह कार्रवाई पूरी तरह से वैध है।
एसपी सिटी मानुष पारीक का कहना है कि यह विकास प्राधिकरण की ओर से नियमित कार्रवाई है। यह नियमों के अनुसार हो रहा है। पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैनात है और शांति व्यवस्था कायम है। यह कार्रवाई स्वतंत्रता से की जा रही है, और पुलिस यहां कानून व्यवस्था को संभालने के लिए मौजूद है।
-- राष्ट्र प्रेस
विकेटी/पीएसके