क्या बेंगलुरु में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग पीड़ितों को 20.16 करोड़ की संपत्ति लौटाई?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने 20.16 करोड़ रुपए की संपत्ति लौटाई।
- मेसर्स इंजाज इंटरनेशनल के खिलाफ जांच चल रही है।
- पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
बेंगलुरु, 6 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बेंगलुरु जोनल कार्यालय ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 20.16 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति को पीड़ितों और वैध दावेदारों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह मामला मेसर्स इंजाज इंटरनेशनल और अन्य के खिलाफ दर्ज मनी सर्कुलेशन और चिट फंड घोटाले से संबंधित है।
यह जांच राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार कार्यालय, येलहंका, बेंगलुरु की शिकायत और विल्सन गार्डन पुलिस स्टेशन द्वारा 7 सितंबर 2018 को दर्ज एफआईआर के आधार पर आरंभ की गई थी।
इस एफआईआर को प्राइज चिट्स और मनी सर्कुलेशन स्कीम्स (प्रतिबंध) अधिनियम 1978 और चिट फंड अधिनियम, 1982 की धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच वर्तमान में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट, सीआईडी बेंगलुरु द्वारा की जा रही है।
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ है कि मेसर्स इंजाज इंटरनेशनल नामक साझेदारी फर्म ने चिट फंड स्कीम के माध्यम से आम जनता से बड़ी रकम इकट्ठा की और उन धनराशियों का उपयोग कई अचल संपत्तियों की खरीद और फर्म के भागीदारों के निजी खर्चों में किया गया।
इस घोटाले के दौरान, ईडी ने प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी करते हुए फर्म से जुड़ी कई अचल संपत्तियों को जब्त किया और इस मामले में विशेष अदालत के समक्ष अभियोग पत्र भी प्रस्तुत किया गया था।
पीएमएलए की धारा 8(8) के तहत, जब प्रशासनिक प्राधिकरण ने अदालत में वैध पीड़ितों को संपत्ति लौटाने की याचिका दायर की, तो ईडी ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की। ईडी का कहना है कि कानून का उद्देश्य प्रभावित व्यक्तियों को उनकी संपत्ति लौटाना और न्याय प्रदान करना है।
ईडी की इस सहमति के मद्देनजर, प्रधान सिटी सिविल एवं सत्र न्यायाधीश ने संपत्तियों को वैध दावेदारों और पीड़ितों को लौटाने का आदेश दिया। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि जो लोग इस ठगी का शिकार हुए थे, उन्हें उनका हक और नुकसान की भरपाई हो सके।