क्या भारत-फ्रांस की सेनाएं हवाई खतरों से निपटने के लिए ड्रोन-रोधी प्रशिक्षण कर रही हैं?

सारांश
Key Takeaways
- संयुक्त सैन्य अभ्यास 'शक्ति' का आयोजन
- इंटरऑपरेबिलिटी और सामरिक समन्वय में वृद्धि
- ड्रोन-रोधी तकनीक पर प्रशिक्षण
- भारतीय और फ्रांसीसी सेनाओं का सहयोग
- क्षेत्रीय स्थिरता के लिए साझा प्रतिबद्धता
नई दिल्ली, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। भारत और फ्रांस की सेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 'शक्ति' वर्तमान में फ्रांस के कैंप लारजैक, ला कावेलरी में जोर-शोर से चल रहा है। भारत और फ्रांस यहाँ अपने अत्याधुनिक हथियारों के साथ कॉम्बैट और गोलाबारी का अभ्यास कर रहे हैं। यहाँ आधुनिक हवाई खतरों से निपटने के लिए दोनों देशों ने मिलकर ड्रोन-रोधी तकनीक पर भी प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अभ्यास में आक्रामक ड्रोन को निष्क्रिय करने वाले अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म्स का लाइव प्रदर्शन किया गया है।
सेना के अनुसार, दोनों देशों की टुकड़ियां गहन संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण में संलग्न हैं। इस संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण का लक्ष्य इंटरऑपरेबिलिटी (सह-कार्य क्षमता), सामरिक समन्वय, और दोनों सेनाओं के बीच आपसी विश्वास को मजबूत करना है। संयुक्त युद्धाभ्यास 'शक्ति' का यह आठवाँ संस्करण है, जिसमें दोनों सेनाएं उप-पारंपरिक अभियानों पर आधारित मिशन-आधारित ड्रिल्स कर रही हैं। इन गतिविधियों में सेमी-डेवलप्ड इलाकों में कॉम्बैट शूटिंग, बाधा पार अभ्यास, संयुक्त योजना निर्माण, और एडवांस्ड ऑब्स्टेकल कोर्स ट्रेनिंग शामिल हैं, जो वास्तविक युद्धक्षेत्र की स्थिति को दर्शाते हैं। कॉम्बैट शूटिंग के दौरान, दोनों देशों ने अपनी नई पीढ़ी की अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों का प्रदर्शन किया।
भारतीय सेना ने अपने स्वदेशी हथियारों की विश्वसनीयता, लचीलापन और सटीकता को प्रस्तुत किया। वहीं, फ्रांसीसी दल ने अपनी प्रसिद्ध फ्रंटलाइन वेपन सिस्टम्स का उपयोग किया, जो बहुउपयोगी और टिकाऊ माने जाते हैं। सेना के अनुसार, लाइव फायरिंग और सामरिक अभ्यासों के दौरान दिखा सहयोग और समन्वय, दोनों सेनाओं की ऑपरेशनल रेडिनेस और कॉम्बैट दक्षता का परिचायक रहा।
सेना के अनुसार, विशेषज्ञ सैन्य दलों ने इलेक्ट्रॉनिक युद्ध से संबंधित विशेष मॉड्यूल्स में भी भाग लिया। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध मॉड्यूल्स का अभ्यास इसलिए किया जा रहा है ताकि सुरक्षित संचार और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक प्रभुत्व सुनिश्चित किया जा सके। अभ्यास के दौरान सैन्य निर्णय-निर्माण प्रक्रिया जैसे संयुक्त योजना सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इससे मिशन समन्वय, कमान की जवाबदेही और संचालनात्मक तालमेल को बेहतर बनाया जा रहा है। यह अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच रणनीति, तकनीक और कार्यप्रणाली के सर्वोत्तम आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम बनकर उभरा है।
सैन्य अभ्यास शक्ति का यह संस्करण भारत और फ्रांस के बीच गहरे रक्षा सहयोग का प्रतीक है। यह अभ्यास क्षेत्रीय स्थिरता, तकनीकी सहयोग और सामूहिक सुरक्षा लक्ष्यों के प्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है। इस अभ्यास में भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन के नेतृत्व में ऑल-आर्म्स टीम कर रही है, जबकि फ्रांसीसी सेना की ओर से 13वीं फॉरेन लीजन हाफ-ब्रिगेड भाग ले रही है।