क्या भारत की एनर्जी ट्रांजिशन की यात्रा किसानों की समृद्धि का मार्ग बना रही है?

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क्या भारत की एनर्जी ट्रांजिशन की यात्रा किसानों की समृद्धि का मार्ग बना रही है?

सारांश

भारत की एनर्जी ट्रांजिशन यात्रा न केवल हरित ईंधन की ओर बढ़ रही है, बल्कि यह किसानों की समृद्धि का भी आधार बन रही है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि कैसे नुमालीगढ़ रिफाइनरी और 2जी बायो इथेनॉल प्लांट इस दिशा में सहायक हैं।

Key Takeaways

  • एनर्जी ट्रांजिशन से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।
  • नुमालीगढ़ रिफाइनरी का 2जी बायो इथेनॉल प्लांट ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया आकार दे रहा है।
  • किसानों के लिए हरित ईंधन का महत्व बढ़ रहा है।
  • कृषि अवशेषों का उपयोग ऊर्जा उत्पादन में हो रहा है।
  • सरकार की नीतियों से किसान आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि पीएम मोदी के मार्गदर्शन में भारत की एनर्जी ट्रांजिशन की यात्रा न केवल हरित ईंधन की दिशा में अग्रसर है, बल्कि यह किसानों की समृद्धि का भी आधार बन रही है।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संसद टीवी द्वारा बंबू किसानों के साथ हुई बातचीत का एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने लिखा, "भारत की एनर्जी ट्रांजिशन की यात्रा किसानों की आय को भी बढ़ावा दे रही है।"

उन्होंने बताया कि स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने की दिशा में असम के गोलाघाट में स्थित नुमालीगढ़ रिफाइनरी में 2जी बायो इथेनॉल प्लांट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक नई दिशा प्रदान कर रहा है। यह प्लांट पूरे नॉर्थ ईस्ट के किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा, "संसद टीवी की बंबू किसानों से हुई यह बातचीत उनके जीवन में आए सकारात्मक बदलाव को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।"

नुमालीगढ़ में 2जी इथेनॉल रिफाइनरियां पराली और बांस जैसे कृषि अवशेषों को इथेनॉल में बदलने का कार्य कर रही हैं, जिससे क्लीन एनर्जी, प्रदूषण नियंत्रण और किसानों की आय में वृद्धि के लिए एक लाभकारी समाधान मिल रहा है।

केंद्रीय मंत्री द्वारा साझा किए गए इस वीडियो में असम के बंबू किसान संसद टीवी को बताते हैं कि पहले बांस का उपयोग घर बनाने और सब्जियों की क्यारियों की बाउंड्री बनाने के लिए किया जाता था, जिससे उनकी आय सीमित रहती थी। लेकिन अब बांस का उपयोग रिफाइनरी में किया जा रहा है, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा था कि ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत सुधार की गति को तेज कर रहा है।

उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, "एनर्जी ट्रांजिशन की इस यात्रा में हमारी इंडस्ट्री और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की जिम्मेदारी भी बढ़ रही है। हरित भविष्य और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते भारत के प्रयास में देश के अन्नदाता किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज मक्का, गन्ना आदि उगाने वाला किसान हो या बंबू किसान, ऊर्जादाता बने हर किसान की आय में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।"

Point of View

बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रहा है।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

एनर्जी ट्रांजिशन का क्या मतलब है?
एनर्जी ट्रांजिशन का अर्थ है ऊर्जा के स्रोतों में बदलाव करना, विशेष रूप से जीवाश्म ईंधनों से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ना।
किसानों को एनर्जी ट्रांजिशन से क्या लाभ है?
एनर्जी ट्रांजिशन से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है और उन्हें नई तकनीकों के माध्यम से बेहतर उत्पादकता मिल रही है।
नुमालीगढ़ रिफाइनरी का किसानों पर क्या प्रभाव है?
नुमालीगढ़ रिफाइनरी 2जी बायो इथेनॉल प्लांट के माध्यम से बांस और पराली जैसे कृषि अवशेषों का उपयोग कर रही है, जिससे किसानों को नई आय का स्रोत मिल रहा है।
स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
सरकार स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम चला रही है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
हरित ईंधन का महत्व क्या है?
हरित ईंधन का महत्व यह है कि यह पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाता है और ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।