क्या एसएंडपी ग्लोबल ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 'बीबीबी' कर दिया?

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क्या एसएंडपी ग्लोबल ने भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 'बीबीबी' कर दिया?

सारांश

एसएंडपी ग्लोबल ने भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 'बीबीबी' में उन्नत किया है। यह निर्णय आर्थिक मजबूती और सतत राजकोषीय सुधार को देखते हुए किया गया है। जानें, इस रेटिंग का भारत के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा।

Key Takeaways

  • भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 'बीबीबी' में उन्नत किया गया है।
  • आर्थिक मजबूती और राजकोषीय सुधार इसके पीछे के कारण हैं।
  • अल्पकालिक रेटिंग को भी बढ़ाकर ए-2 किया गया है।
  • अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव प्रबंधनीय रहेगा।
  • सरकार की नीति स्थिरता को दर्शाती है।

नई दिल्ली, 14 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। ग्लोबल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने आर्थिक मजबूती और निरंतर राजकोषीय सुधार का उल्लेख करते हुए गुरुवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस के पूर्व भारत की दीर्घकालिक अनचाही सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को पूर्व के 'बीबीबी-' से बढ़ाकर 'बीबीबी' कर दिया।

एसएंडपी ग्लोबल ने एक नोट में बताया कि स्थिर परिदृश्य निरंतर नीतिगत स्थिरता और उच्च बुनियादी ढांचे के निवेश को दर्शाता है, जो भारत के दीर्घकालिक विकास को आगे बढ़ाएगा।

रेटिंग एजेंसी ने कहा, "यह, सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति के साथ, जो सरकार के बढ़े हुए ऋण और ब्याज के बोझ को कम करती है, अगले 24 महीनों में रेटिंग को मजबूत बनाएगी।"

भारत की अल्पकालिक रेटिंग को भी पहले के ए-3 से संशोधित कर ए-2 कर दिया गया है और ट्रांसफर एंड कंवर्टिबिलिटी असेस्मेंट को बीबीबी+ से संशोधित कर ए- कर दिया गया है।

नोट के अनुसार, भारत पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव संभवतः प्रबंधनीय होगा, क्योंकि मजबूत आर्थिक बुनियाद अगले दो से तीन वर्षों में देश की विकास गति को सहारा देगी।

मई 2024 में, एसएंडपी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के अपने दृष्टिकोण को स्थिर से संशोधित कर सकारात्मक कर दिया था और कहा था कि अगर भारत का राजकोषीय घाटा कम होता है, तो वह सॉवरेन रेटिंग बढ़ा सकता है।

नोट के अनुसार, भारत राजकोषीय कंसोलिडेशन को प्राथमिकता दे रहा है, जो अपने मजबूत बुनियादी ढांचे को बनाए रखते हुए, स्थायी सार्वजनिक वित्त प्रदान करने के लिए सरकार की राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

स्थिर दृष्टिकोण हमारे इस दृष्टिकोण को दर्शाता है कि निरंतर नीतिगत स्थिरता और उच्च बुनियादी ढांचे के निवेश भारत की दीर्घकालिक विकास संभावनाओं को समर्थन प्रदान करेगा। यह, सरकार के बढ़े हुए ऋण और ब्याज के बोझ को कम करने वाली सतर्क राजकोषीय और मौद्रिक नीति के साथ, अगले 24 महीनों में रेटिंग को मज़बूत करेगा।"

नोट में आगे कहा गया है, "इसके अलावा, मौद्रिक नीति सेटिंग्स मुद्रास्फीति संबंधी अपेक्षाओं को प्रबंधित करने के लिए तेजी से अनुकूल होती जा रही हैं।"

भारत की रेटिंग में यह सुधार मुद्रास्फीति संबंधी अपेक्षाओं को सहारा देने वाले बेहतर मौद्रिक नीति परिवेश की पृष्ठभूमि में उसकी तेज आर्थिक वृद्धि को दर्शाता है।

नोट में कहा गया है, "सरकार की राजकोषीय कंसोलिडेशन के प्रति प्रतिबद्धता और व्यय की गुणवत्ता में सुधार के प्रयासों के साथ, हमारा मानना है कि इन कारकों ने मिलकर ऋण मानकों को लाभ पहुंचाया है। भारत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है।"

Point of View

भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में सुधार एक सकारात्मक संकेत है। यह न केवल सरकार की आर्थिक नीतियों की स्थिरता को दर्शाता है, बल्कि देश के विकास की संभावनाओं को भी उजागर करता है।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

एसएंडपी ग्लोबल क्या है?
एसएंडपी ग्लोबल एक प्रमुख वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है जो विभिन्न देशों की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करती है।
भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग में सुधार का क्या मतलब है?
यह सुधार दर्शाता है कि भारत की आर्थिक स्थिति स्थिर और मजबूत है, जिससे विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।
इस रेटिंग का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
इस रेटिंग से भारत की आर्थिक विकास दर में सुधार हो सकता है और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।