क्या भारत में 2026 की पहली तिमाही में हायरिंग में वृद्धि होगी?

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क्या भारत में 2026 की पहली तिमाही में हायरिंग में वृद्धि होगी?

सारांश

क्या भारत में हायरिंग में वृद्धि होगी? 2026 की पहली तिमाही में नियोक्ताओं के सकारात्मक आउटलुक से पता चलता है कि आर्थिक विश्वास और टैलेंट में निवेश बढ़ेगा। जानें इस रिपोर्ट की महत्वपूर्ण बातें।

Key Takeaways

  • 2026 की पहली तिमाही में मजबूत हायरिंग की उम्मीद।
  • 63 प्रतिशत नियोक्ता हायरिंग बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
  • फाइनेंस और टेक्नोलॉजी सेक्टर में बढ़ती मांग
  • हायरिंग वॉल्यूम में पिछले वर्ष के मुकाबले कमी।
  • स्किल्स और टेक्नोलॉजी में निवेश की जरूरत।

नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नियोक्ताओं ने 2026 की पहली तिमाही में एक मजबूत जॉब मार्केट की भविष्यवाणी की है, जहां कंपनियां स्किल्स, टेक्नोलॉजी और टैलेंट में तेजी से निवेश कर रही हैं। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।

इस वर्ष अक्टूबर में भारत में 3051 नियोक्ताओं के सर्वे पर आधारित मैनपावरग्रुप इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, डेटा से 52 प्रतिशत नेट एम्प्लॉयमेंट आउटलुक (एनईओ) की जानकारी मिलती है, जो वॉल्यूम की तुलना में क्वालिटी की ओर एक रणनीतिक बदलाव को दर्शाता है।

मैनपावरग्रुप इंडिया और मिडल ईस्ट के मैनेजिंग डायरेक्टर संदीप गुलाटी ने कहा, "भारत का हायरिंग आउटलुक न केवल मजबूत बना हुआ है बल्कि आर्थिक विश्वास और क्षमता निर्माण के एक नए चरण की ओर इशारा भी कर रहा है। यह ट्रेंड भारत के वॉल्यूम लेड हायरिंग से वैल्यू क्रिएशन की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है। संगठन स्किल्स, टेक्नोलॉजी और टैलेंट आर्किटेक्चर में निवेश कर रहे हैं, जो अगले दशक में उनकी प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को परिभाषित करेगा।"

गुलाटी ने कहा, "रिपोर्ट में फाइनेंस, प्रोफेशनल सर्विसेज, मैन्युफैक्चरिंग, रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में मांग की जानकारी दी गई है, जो दिखाता है कि नियोक्ता अधिक डिजिटल, रेगुलेटेड और इनोवेशन-ड्रिवन इकोनॉमी के लिए सक्रिय रूप से तैयार हो रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "2026 की ओर बढ़ते हुए भारत तीन फंडामेंटल महत्वपूर्ण स्किल्स, टेक्नोलॉजिकल लेवरेज और उद्देश्यपूर्ण विस्तार के चारों ओर अपने टैलेंट मार्केट को आकार देगा।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी 9 सेक्टर्स में भारतीय नियोक्ताओं को 2026 की पहली तिमाही में स्टाफिंग लेवल के बढ़ने का अनुमान है।

63 प्रतिशत नियोक्ताओं को हायरिंग में वृद्धि होने की उम्मीद है। जबकि 24 प्रतिशत नियोक्ताओं का मानना है कि मौजूदा स्टाफिंग लेवल बना रहेगा, वहीं 11 प्रतिशत नियोक्ताओं को हायरिंग के कम होने का अनुमान है और 2 प्रतिशत हायरिंग बढ़ने को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

पिछले एक वर्ष से एक पॉजिटिव आउटलुक के बावजूद, हायरिंग वॉल्यूम में गिरावट दर्ज की गई है। एक सामान्य कंपनी के कुल वर्कफोर्स में 2026 की पहली तिमाही में 65 श्रमिकों की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो कि 2025 की दूसरी तिमाही के आंकड़ों से 60 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है, जब श्रमिकों की वृद्धि का आंकड़ा 162 दर्ज किया गया था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत का हायरिंग आउटलुक सकारात्मक है। नियोक्ता वर्तमान में स्किल्स और टेक्नोलॉजी में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो दीर्घकालिक आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

2026 की पहली तिमाही में हायरिंग में वृद्धि का क्या संकेत है?
यह संकेत है कि भारतीय नियोक्ता स्किल्स और टेक्नोलॉजी में निवेश कर रहे हैं, जो आर्थिक विकास को दर्शाता है।
कौन से सेक्टर में हायरिंग में वृद्धि की संभावना है?
फाइनेंस, प्रोफेशनल सर्विसेज, मैन्युफैक्चरिंग और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में वृद्धि की संभावना है।
क्या सभी नियोक्ता हायरिंग बढ़ाने की योजना बना रहे हैं?
नहीं, कुछ नियोक्ता मौजूदा स्टाफिंग स्तर को बनाए रखने का भी विचार कर रहे हैं।
हायरिंग वॉल्यूम में गिरावट का क्या कारण है?
हालांकि आउटलुक सकारात्मक है, पिछले वर्ष के मुकाबले हायरिंग वॉल्यूम में कमी आई है।
क्या तकनीकी कौशल की मांग बढ़ रही है?
हाँ, कंपनियां तकनीकी कौशल में अधिक निवेश कर रही हैं।
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