क्या भारत में 9 ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को कैंपस स्थापित करने की मंजूरी मिली?

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क्या भारत में 9 ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को कैंपस स्थापित करने की मंजूरी मिली?

सारांश

भारत और ब्रिटेन के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने 9 ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने की मंजूरी दी। यह शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा कदम है। जानिए इस समझौते के बारे में विस्तार से।

Key Takeaways

  • भारत और ब्रिटेन के बीच शिक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है।
  • 9 ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को भारत में कैंपस स्थापित करने की मंजूरी मिली।
  • गुजरात, मुंबई, और बेंगलुरु में कैंपस स्थापित किए जाएंगे।
  • तकनीकी और व्यापार सहयोग में वृद्धि के लिए समझौते हुए हैं।

मुंबई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष कीर स्टार्मर के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस बैठक के दौरान, भारत और ब्रिटेन के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया कि भारत-ब्रिटेन शिक्षा संबंधों को एक नया आयाम मिला है। नई शिक्षा नीति के तहत, नौ ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को भारत में अपने कैंपस स्थापित करने की अनुमति दी गई है।

इंग्लैंड की क्वीन्स यूनिवर्सिटी, बेलफास्ट, कोवेंट्री यूनिवर्सिटी, ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी, और सरे यूनिवर्सिटी को गुजरात की गिफ्ट सिटी, गांधीनगर में कैंपस स्थापित करने की मंजूरी मिली है। मुंबई में यॉर्क यूनिवर्सिटी और एबरडीन यूनिवर्सिटी तथा बेंगलुरु में लिवरपूल यूनिवर्सिटी और लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के कैंपस भी बनेंगे। इसके अतिरिक्त, साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी के कैंपस दिल्ली और गुरुग्राम में स्थापित होंगे।

इसके अलावा, भारत और ब्रिटेन के बीच टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सेक्टर में चार प्रमुख समझौते हुए हैं, जिनमें भारत-यूके कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर की स्थापना, एआई के लिए भारत-यूके का ज्वाइंट सेंटर, यूके-भारत क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी के फेज-टू की शुरुआत और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में नया सैटेलाइट कैंपस स्थापित करना शामिल है। साथ ही, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सप्लाई चेन की मजबूती के लिए क्रिटिकल मिनरल्स इंडस्ट्री गिल्ड की स्थापना के लिए भी समझौता हुआ है।

व्यापार और निवेश के क्षेत्र में तीन महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिनमें पुनर्गठित भारत-यूके सीईओ फोरम की उद्घाटन बैठक, भारत-यूके संयुक्त आर्थिक व्यापार समिति (जेईटीसीओ) का पुनर्गठन शामिल है। यह सीईटीए के कार्यान्वयन में सहायता करेगा और दोनों देशों में आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।

एक जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप फंड में एक संयुक्त निवेश, जो जलवायु प्रौद्योगिकी और एआई जैसे क्षेत्रों में नवोन्मेषी उद्यमियों को समर्थन देने के लिए ब्रिटेन सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच एक समझौता ज्ञापन के तहत एक रणनीतिक पहल है।

इसके अतिरिक्त, क्लाइमेट, हेल्थ और रिसर्च सेक्टर में भी तीन महत्वपूर्ण पहलें हुईं, जिनमें बायो-मेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम के फेज-थर्ड का शुभारंभ और ऑफशोर विंड टास्कफोर्स की स्थापना शामिल है। साथ ही, भारत के आईसीएमआर और ब्रिटेन के एनआईएचआर के बीच हेल्थ रिसर्च पर 'लेटर ऑफ इंटेंट' पर हस्ताक्षर किए गए।

Point of View

बल्कि व्यापार और तकनीकी सहयोग में भी दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करेगा।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत में कितने ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को कैंपस स्थापित करने की मंजूरी मिली?
भारत में कुल 9 ब्रिटिश विश्वविद्यालयों को कैंपस स्थापित करने की मंजूरी मिली है।
ये विश्वविद्यालय कहाँ स्थित होंगे?
ये विश्वविद्यालय गुजरात, मुंबई, और बेंगलुरु में स्थित होंगे।
इस समझौते से क्या लाभ होगा?
इस समझौते से भारतीय छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त होगी और तकनीकी सहयोग में वृद्धि होगी।