क्या भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सुरक्षित हैं?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी के शासन में अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्षित महसूस कर रहा है।
- बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की स्थिति गंभीर है।
- विकास पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
विजयवाड़ा, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष सैयद पाशा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि उनके शासन में अल्पसंख्यक समुदाय को काफी सुरक्षित महसूस हो रहा है। उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है, चाहे वह मुस्लिमों की बात हो या ईसाईयों की।
सैयद पाशा ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर कोई भी नकारात्मक प्रभाव न पड़े। उनके हितों को पूरी प्राथमिकता दी जा रही है और आगे भी दी जाएगी। वर्तमान में भारत में सभी अल्पसंख्यक समुदाय के लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयान का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में पीएम मोदी के शासन में अल्पसंख्यक समुदाय पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर रहा है।
सैयद पाशा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के शासन में अल्पसंख्यक समुदाय पूरी तरह से सुरक्षित हैं। यदि उन्हें कोई समस्या होगी, तो तुरंत केंद्र सरकार की ओर से कदम उठाए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल में यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि पड़ोसी देशों के साथ हमारे संबंध मजबूत बने रहें।
उन्होंने कहा कि निस्संदेह बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमले बढ़ गए हैं, जिसकी व्यापक निंदा की जा रही है, लेकिन दुख की बात है कि बांग्लादेश सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। बांग्लादेश सरकार को चाहिए कि वह वहां रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश सरकार के लिए यह बेहतर होगा कि वह हिंदू-मुस्लिम के नाम पर हिंसा को कम करे और लोगों के विकास के लिए काम करे। भारत में सभी धर्मों के लोग एक हैं। हम लोग विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं कर सकते।