क्या मैं संघ और सरकार की नीतियों का विरोधी हूं? सोशल मीडिया पोस्ट विवाद पर दिग्विजय सिंह की सफाई
सारांश
Key Takeaways
- दिग्विजय सिंह का विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट।
- केंद्र सरकार और आरएसएस का विरोध।
- संगठन की प्रशंसा करने का तर्क।
- कांग्रेस में सुधारों की मांग।
- राजनीतिक हलचल में वृद्धि।
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के प्रमुख नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के चलते उत्पन्न राजनीतिक विवाद पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने आरएसएस और केंद्र सरकार का खुलकर विरोध किया और कहा कि उनकी पोस्ट में केवल संगठन की प्रशंसा की गई थी।
दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैंने संगठन की प्रशंसा की है। मैं आरएसएस और केंद्र सरकार की नीतियों का कट्टर विरोधी रहा हूं, हूं और रहूंगा।"
उन्होंने अपने पोस्ट में प्रश्न उठाया, "क्या संगठन को सशक्त बनाना या उसकी प्रशंसा करना गलत है? क्या चुनाव सुधारों की चर्चा करना गुनाह है?"
कांग्रेस सांसद ने उस समय विवाद खड़ा किया जब उन्होंने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 1990 के दशक की एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया। इस फोटो के साथ दिग्विजय सिंह ने भाजपा और आरएसएस की प्रशंसा की।
उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "क्वोरा साइट पर मुझे यह चित्र मिला। यह बहुत प्रभावशाली है। किस तरह आरएसएस का जमीनी स्वयंसेवक और जनसंघ, भाजपा का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री बना। यह संगठन की ताकत है।"
कांग्रेस नेता की इस पोस्ट को प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा के रूप में भी देखा गया। जब विवाद बढ़ा, तो उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट किया।
हालांकि, दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जैसे हरीश रावत, भंवर जितेंद्र सिंह, और अभिषेक मनु सिंघवी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। वहीं कुमारी शैलजा ने अपने बयान में कहा, "किसी ने किसी की प्रशंसा नहीं की है।"