क्या उत्तर प्रदेश में शीत लहर को लेकर अलर्ट जारी किया गया है?
सारांश
Key Takeaways
- शीतलहर के दौरान राहत उपायों की व्यवस्था की गई है।
- कंबल और रैन बसेरे जरूरतमंदों के लिए उपलब्ध हैं।
- अलाव जलाने की व्यवस्था सार्वजनिक स्थलों पर की गई है।
- सरकार द्वारा तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।
- अलर्ट एसएमएस द्वारा लोगों को सूचित किया जा रहा है।
लखनऊ, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में अत्यधिक शीतलहर और घने कोहरे के कारण योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए विस्तृत और सुनियोजित उपाय किए हैं। राज्य के सभी जनपदों में रैन बसेरा, अलाव और कंबल वितरण की व्यवस्था को सक्रिय किया गया है, ताकि किसी भी व्यक्ति को ठंड से परेशानी न हो।
सरकार ने स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए हैं कि शीतलहर के दौरान कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति ठंड से प्रभावित न हो। जिला प्रशासन, नगर निकाय और संबंधित विभागों को राहत कार्यों को संवेदनशीलता के साथ संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया है। प्रदेशभर में अब तक 1247 रैन बसेरे स्थापित किए जा चुके हैं, जहाँ 9949 जरूरतमंदों ने आश्रय लिया है। जिला प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि रैन बसेरों में स्वच्छता, गर्म पानी, प्रकाश और सुरक्षा की उचित व्यवस्था हो।
सरकार ने शीतलहर से बचाव के लिए कंबल वितरण को प्राथमिकता दी है। पिछले तीन वर्षों में औसतन 10,65,889 कंबल खरीदे गए हैं, जिसमें लगभग 44.38 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सभी जनपदों को 17.55 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की जा चुकी है।
75 जनपदों ने कंबल खरीदने के लिए आदेश जारी किए हैं, जिनमें से 3,78,884 कंबलों की आपूर्ति हो चुकी है। अब तक 1,40,364 कंबलों का वितरण जरूरतमंदों को किया जा चुका है और शेष कंबलों का वितरण जारी है। ठंड से बचाव के लिए सार्वजनिक स्थलों पर अलाव जलाने की व्यवस्था भी की गई है।
सभी जनपदों को अलाव जलाने के लिए 1.75 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। जनपदों में रोजाना जलाए जा रहे अलावों की स्थिति की नियमित जानकारी राहत पोर्टल पर अपडेट की जा रही है, ताकि शासन स्तर पर निरंतर निगरानी बनी रहे। कोहरे से होने वाली दुर्घटनाओं से बचने के लिए सरकार तकनीक का उपयोग कर रही है।
राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा सचेत ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से अब तक 33.27 करोड़ अलर्ट एसएमएस जारी किए जा चुके हैं। ये संदेश प्रभावित जनपदों के अधिकारियों और आम जनता को भेजे गए हैं। इसके अलावा, यूपीडा, एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी जैसे संबंधित विभागों द्वारा जिलाधिकारियों तथा जिला पुलिस को ई-मेल के माध्यम से कोहरे से संबंधित अलर्ट लगातार भेजे जा रहे हैं।
-- राष्ट्र प्रेस
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