क्या बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने लखनऊ में प्रदर्शन किया?
सारांश
Key Takeaways
- लखनऊ में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदर्शन हुआ।
- बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की निंदा की गई।
- प्रदर्शन में कट्टरपंथियों का पुतला जलाया गया।
- केंद्र सरकार से कूटनीतिक हस्तक्षेप की मांग की गई।
- प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
लखनऊ, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे कथित अत्याचार और हिंसा की घटनाओं के खिलाफ शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदर्शन का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शन भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के बाहर किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भाग लिया।
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने बांग्लादेश के अंतरिम प्रधानमंत्री यूनुस खान और कट्टरपंथी तत्वों के प्रतीकात्मक पुतले का दहन किया। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे कथित उत्पीड़न को तुरंत रोकने की मांग की। उनके हाथों में तख्तियां और बैनर थे, जिन पर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और मानवाधिकारों के समर्थन में संदेश लिखे गए थे।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, धार्मिक स्थलों पर हमले और सामाजिक भेदभाव की घटनाएं निरंतर बढ़ रही हैं। उनका कहना था कि ये घटनाएं न केवल चिंताजनक हैं, बल्कि मानवाधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन भी हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की सरकार कट्टरपंथी तत्वों पर प्रभावी नियंत्रण में विफल साबित हो रही है। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से यह मांग की कि वह इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कूटनीतिक स्तर पर हस्तक्षेप करे और बांग्लादेशी सरकार पर दबाव बनाए ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
भाजपा नेताओं ने कहा कि भारत को पड़ोसी देश में रह रहे धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी आवाज उठानी चाहिए। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ता इशरार बेग ने कहा कि यह प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि वहां की सरकार को जल्द से जल्द दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय खुद को सुरक्षित महसूस कर सके। पूरे कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।