क्या सिद्दारमैया सरकार हर क्षेत्र में विफल है? बी. वाई विजयेंद्र का बयान
सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष ने सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाया।
- भ्रष्टाचार और विकास की कमी का आरोप लगाया गया।
- निवेशकों की असंतोषजनक स्थिति पर चर्चा हुई।
- सरकार पर मीडिया और सोशल मीडिया पर दबाव बनाने का आरोप।
- कांग्रेस सरकार की आलोचना से बचने का इशारा।
बेंगलुरु, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बी. वाई विजयेंद्र ने सिद्दारमैया सरकार को विफल करार दिया है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार ने अपनी कार्यशैली से यह सिद्ध कर दिया है कि उसे जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है। यदि ऐसा होता, तो आज स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती। इस सरकार की विश्वसनीयता इस समय पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।
बी. वाई. विजयेंद्र ने शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में यह दावा किया कि यह सरकार आबकारी नीति, चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ या भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पूरी तरह से विफल रही है। कुल मिलाकर यह सरकार हर क्षेत्र में असफल साबित हुई है।
भाजपा नेता ने राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में कर्नाटक सरकार के मंत्री जमीर अहमद खान के निजी सचिव सरफराज अहमद के पास से 14.5 करोड़ रुपए बरामद हुए हैं। राज्य में विकास का कोई कार्य नहीं हो रहा है। इसके विपरीत, भ्रष्टाचार में तेजी से वृद्धि हो रही है। इस सरकार में विकास की कोई उम्मीद नहीं है।
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष ने कहा कि अब यह सरकार अपनी विफलताओं को स्वीकार करने के बजाय केंद्र सरकार पर धन आवंटन में भेदभाव का आरोप लगा रही है, जबकि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। सिद्दारमैया सरकार सच को स्वीकार करने से भाग रही है। यह सरकार मीडिया पर दबाव बना रही है और सोशल मीडिया पर उन लोगों को निशाना बना रही है जो इस सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं।
भाजपा नेता बी. वाई. विजयेंद्र ने कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार आलोचनाओं से बच रही है। मेरा सीधा सवाल है, क्या यह लोकतंत्र है? यह सरकार हर क्षेत्र में विफल हो रही है। भाजपा इस सरकार की सच्चाई को उजागर करने के लिए तैयार है। हम आगे बढ़कर लोगों को बताएंगे कि राज्य सरकार में भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच चुका है। राज्य की स्थिति ऐसी बन चुकी है कि कोई भी निवेशक यहाँ निवेश नहीं करना चाहता। सभी लोग निवेश करने से बच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कार्यशैली से असंतुष्ट निवेशक अब राज्य में निवेश नहीं करना चाहते। इसका सीधा असर युवाओं पर पड़ रहा है। उनके लिए रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। हम इस मुद्दे पर राज्य सरकार से सवाल पूछेंगे कि क्या यह लोकतंत्र है। हम जनता के बीच जाकर कांग्रेस सरकार की पोल खोलेंगे।