क्या पहलगाम हमले के बाद घाटी में रौनक लौट आई है?

Click to start listening
क्या पहलगाम हमले के बाद घाटी में रौनक लौट आई है?

सारांश

पहलगाम में 2025 में हुए आतंकवादी हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अब नए साल से पहले घाटी में रौनक वापस लौट आई है। पर्यटकों का अभाव अब खत्म हो गया है और कश्मीर के स्थानीय लोग स्वागत के लिए तैयार हैं।

Key Takeaways

  • पहलगाम में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
  • स्थानीय लोग पर्यटकों की मदद के लिए तैयार हैं।
  • सुरक्षा व्यवस्था मजबूत है।
  • बर्फबारी का मौसम कश्मीर का खास आकर्षण है।
  • पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ मिल रहा है।

पहलगाम, 27 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 22 अप्रैल 2025 की तारीख को कभी भुलाया नहीं जा सकता है, क्योंकि इस दिन कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 मासूम लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था। घटना के बाद ऑपरेशन सिंदूर हुआ और कश्मीर के स्थानीय लोगों पर भी सवाल उठे। इस दर्दनाक घटना के बाद जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में कमी देखने को मिली थी, लेकिन आठ महीनों बाद फिर से घाटियों में रौनक लौट आई है।

नया साल मनाने के लिए पर्यटकों की भीड़ पहलगाम में दिख रही है।

पहलगाम पहुंचे पर्यटकों से राष्ट्र प्रेस ने बातचीत की है। दीक्षा नाम की टूरिस्ट ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि कश्मीर के लोग बहुत अच्छे हैं और वे पहली बार कश्मीर आई हैं। उन्होंने कहा, "मैं हरियाणा के हिसार से आई हूं। कश्मीर में यह मेरा पहला अनुभव है और यह सचमुच बहुत सुंदर है। यहां सुरक्षा व्यवस्था बहुत अच्छी है और हम नव वर्ष मनाने आए हैं। कश्मीरी लोगों का पूरा सहयोग मिल रहा है और वे हर छोटी मदद करने के लिए तैयार हैं।

दीक्षा के पति गौतम ने बताया कि पहलगाम, सोनमर्ग और गुलमर्ग में भारी बर्फबारी हुई है और कश्मीर की वादियां किसी को भी आकर्षित कर सकती हैं। बहुत सारे लोग दूर-दूर से घूमने के लिए पहुंच रहे हैं। व्यवस्था भी बहुत अच्छी है। हम यहां अच्छी यादें संजोने के लिए आए हैं।

एक अन्य पर्यटक ने बताया कि वे तीसरी बार पहलगाम आए हैं और अब पहले से माहौल अच्छा हो गया है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोग बहुत सपोर्टिव हैं और हर तरह की मदद कर रहे हैं। उनका बोलने का लहजा बहुत प्यारा है। नए साल को देखते हुए देश के अलग-अलग राज्यों से पर्यटक बर्फबारी का मजा लेने के लिए कश्मीर पहुंच रहे हैं और सुंदर वादियों के नजारों का लुफ्त उठा रहे हैं।

पहलगाम हमले के बाद जम्मू और कश्मीर के पर्यटन पर बड़ा प्रभाव पड़ा था। जम्मू और कश्मीर का मुख्य व्यवसाय ही पर्यटन है, जहां की दुकानों से लेकर होटल पर्यटकों के आने पर चलते हैं। ऑफ सीजन में स्थानीय लोगों की कमाई कम होती है, लेकिन बर्फबारी के सीजन में घाटी और स्थानीय लोगों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है।

Point of View

यह देखना महत्वपूर्ण है कि देश के विभिन्न हिस्सों में पर्यटन का क्षेत्र कैसे प्रभावित होता है। पहलगाम हमले ने निश्चित रूप से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर डाला, लेकिन अब पर्यटकों की वापसी से उम्मीद की किरण जग रही है। यह हमारे लिए एक संकेत है कि हम फिर से एकजुट हो सकते हैं और पर्यटन को पुनर्जीवित कर सकते हैं।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

पहलगाम में पर्यटन कैसे प्रभावित हुआ?
पहलगाम हमले के बाद पर्यटकों की संख्या में कमी आई थी, लेकिन अब स्थिति में सुधार हो रहा है।
क्या पहलगाम में सुरक्षा की स्थिति ठीक है?
हाँ, पर्यटकों ने सुरक्षा व्यवस्था को बहुत अच्छा बताया है।
पहलगाम में नए साल के जश्न की तैयारी कैसी है?
नए साल को मनाने के लिए पर्यटकों की भीड़ पहलगाम में जुट रही है।
Nation Press