क्या अक्टूबर की मुद्रास्फीति में जीएसटी सुधार का असर केवल एक तिहाई है? आने वाले समय में महंगाई और गिरेगी: रिपोर्ट

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क्या अक्टूबर की मुद्रास्फीति में जीएसटी सुधार का असर केवल एक तिहाई है? आने वाले समय में महंगाई और गिरेगी: रिपोर्ट

सारांश

क्या अक्टूबर में महंगाई दर में जीएसटी सुधार का असर सीमित रहा? जानें कि आने वाले समय में महंगाई और कैसे गिरेगी। एचएसबीसी की रिपोर्ट में महत्वपूर्ण आंकड़े और भविष्यवाणियाँ साझा की गई हैं।

Key Takeaways

  • महंगाई दर अक्टूबर में 0.25 प्रतिशत रही।
  • जीएसटी सुधार का केवल एक तिहाई असर पड़ा।
  • विकास दर 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान।
  • आने वाले समय में महंगाई में गिरावट की संभावना।
  • दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ मजबूत रहेगी।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में महंगाई दर वित्त वर्ष 26 में 2 प्रतिशत से नीचे और विकास दर 7.7 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह जानकारी मंगलवार को जारी की गई एक रिपोर्ट में दी गई।

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च द्वारा बताया गया कि अक्टूबर में महंगाई दर 0.25 प्रतिशत रही है। इसमें जीएसटी दर में कटौती का केवल एक तिहाई प्रभाव देखा गया है, जिससे आने वाले समय में महंगाई दर में और गिरावट देखने की उम्मीद है।

रिपोर्ट में कहा गया, "हमें नहीं लगता कि जीएसटी दरों में कटौती का असर सिर्फ थोड़े समय के लिए दिखाई देगा। हमारा मानना है कि इससे महंगाई दर में काफी लंबे समय तक कमी आएगी। इसका मौद्रिक नीति पर भी प्रभाव पड़ेगा।"

रिसर्च फर्म का कहना है कि वित्त वर्ष 27 में भी देश में महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य 4 प्रतिशत से कम रह सकती है।

रिपोर्ट में बताया गया कि दिसंबर तिमाही तक जीडीपी ग्रोथ मजबूत रह सकती है, लेकिन जीएसटी सुधार का प्रभाव कम होने के कारण मार्च में वृद्धि दर में थोड़ी नरमी आ सकती है। साथ ही, इसमें राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पाने के लिए खर्च में सतर्कता और टैरिफ के कारण निर्यात में कमी जैसे कारक भी योगदान देंगे।

एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च में अर्थशास्त्री/रणनीतिकार प्रांजुल भंडारी ने कहा, "लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक साल पहले मुद्रास्फीति से उत्पन्न मंदी के संकेतों से उबरकर अब एक मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। सितंबर तिमाही में 8.2 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी वृद्धि को चक्रीय वृद्धि के साथ-साथ सांख्यिकीय विसंगतियों का भी लाभ मिला है।"

उन्होंने आगे कहा कि मजबूत बारिश, मौद्रिक नीति, राजकोषीय खर्च और जीएसटी में कटौती जैसे कारक मिलकर अर्थव्यवस्था की गति में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर अवधि) में 8.2 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर हासिल की है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की विकास दर 5.6 प्रतिशत से काफी अधिक है।

इससे वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में विकास दर 8 प्रतिशत की हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में 6.1 प्रतिशत थी।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार हो रहा है। जीएसटी में कटौती और अन्य आर्थिक नीतियाँ महंगाई दर को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। यह सकारात्मक संकेत हैं, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत की महंगाई दर कितनी है?
भारत की महंगाई दर अक्टूबर में 0.25 प्रतिशत रही है।
जीएसटी सुधार का महंगाई पर क्या असर है?
जीएसटी दर में कटौती का केवल एक तिहाई असर महंगाई पर देखने को मिला है।
विकास दर का अनुमान क्या है?
विकास दर वित्त वर्ष 26 में 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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