क्या भारत-नेपाल रिश्तों में विदेश सचिव विक्रम मिस्री की काठमांडू यात्रा महत्वपूर्ण है?

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क्या भारत-नेपाल रिश्तों में विदेश सचिव विक्रम मिस्री की काठमांडू यात्रा महत्वपूर्ण है?

सारांश

भारत और नेपाल के बीच रिश्तों को मजबूत करने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिस्री की काठमांडू यात्रा महत्वपूर्ण साबित हो रही है। इस यात्रा में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के कई पहलुओं पर चर्चा की गई। जानें इस यात्रा के मुख्य बिंदु और संभावित परिणाम।

Key Takeaways

  • विदेश सचिव की यात्रा से भारत-नेपाल के संबंधों में मजबूती आई है।
  • भविष्य में सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा की गई।
  • नेपाल को रक्षा सामग्री और उपकरण प्रदान किए गए।
  • द्विपक्षीय पहल में प्रगति की समीक्षा की गई।
  • नेपाल भारत की पड़ोसी प्रथम नीति का महत्वपूर्ण भागीदार है।

काठमांडू, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल के विदेश सचिव अमृत बहादुर राय के निमंत्रण पर 17-18 अगस्त को नेपाल की आधिकारिक यात्रा की।

इस यात्रा के दौरान विदेश सचिव ने नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और विदेश मंत्री अर्घुना राणा देउबा से शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने भारतीय नेतृत्व की ओर से शुभकामनाएं प्रेषित कीं और भारत-नेपाल के बीच परस्पर लाभकारी सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर हुई प्रगति से उन्हें अवगत कराया।

विदेश सचिव ने प्रधानमंत्री ओली को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का औपचारिक निमंत्रण भी सौंपा, जिसमें उन्हें परस्पर सुविधाजनक तिथियों पर भारत यात्रा के लिए आमंत्रित किया गया है।

भारत और नेपाल के विदेश सचिवों के बीच व्यापक विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय पहलों में हुई प्रगति की समीक्षा की और भविष्य में सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा की। इस दौरान प्रधानमंत्री ओली की आगामी भारत यात्रा के एजेंडे में शामिल किए जा सकने वाले संभावित परिणामों पर भी विचार किया गया।

विदेश सचिव ने नेपाल के सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल से भी मुलाकात की और नेपाली सेना को रक्षा सामग्री और उपकरण सौंपे, जिनमें लाइट स्ट्राइक वाहन (एलएसवी), गंभीर रोगियों के लिए चिकित्सकीय उपकरण और सैन्य पशु शामिल थे।

दोनों देशों ने संतोष व्यक्त किया कि हाल के वर्षों में द्विपक्षीय सहयोग के विविध क्षेत्रों भौतिक संपर्क, डिजिटल कनेक्टिविटी, रक्षा एवं सुरक्षा और ऊर्जा सहयोग में ठोस प्रगति हुई है।

विदेश सचिव ने नेपाल के अन्य वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात की।

बता दें कि नेपाल, भारत की पड़ोसी प्रथम नीति का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। विदेश सचिव की यह यात्रा दोनों देशों के बीच नियमित उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को आगे बढ़ाती है और द्विपक्षीय संबंधों को और सुदृढ़ करने में सहायक रही।

Point of View

बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी लाभकारी है।
NationPress
18/08/2025

Frequently Asked Questions

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल में किन-किन नेताओं से मुलाकात की?
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल, प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली और विदेश मंत्री अर्घुना राणा देउबा से मुलाकात की।
भारत और नेपाल के बीच द्विपक्षीय सहयोग के कौन-कौन से क्षेत्र हैं?
दोनों देशों के बीच भौतिक संपर्क, डिजिटल कनेक्टिविटी, रक्षा एवं सुरक्षा, और ऊर्जा सहयोग जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग हो रहा है।