क्या पूरे देश में एसआईआर की तैयारी के बीच टीएमसी ने केंद्र सरकार को तेवर दिखाए?

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क्या पूरे देश में एसआईआर की तैयारी के बीच टीएमसी ने केंद्र सरकार को तेवर दिखाए?

सारांश

भारत निर्वाचन आयोग 10 सितंबर को सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित कर रहा है। इसके तहत मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारियों का मूल्यांकन किया जाएगा। क्या यह चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा? जानें इस महत्वपूर्ण सम्मेलन की सम्पूर्ण जानकारी।

Key Takeaways

  • मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • टीएमसी ने केंद्र सरकार के प्रति अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया है।
  • भाजपा की कार्यशाला आगामी चुनावों के लिए सांसदों को तैयार कर रही है।
  • मतदाता जागरूकता अभियानों की चर्चा सम्मेलन में की जाएगी।
  • यह कदम पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने का प्रयास है।

कोलकाता, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) 10 सितंबर को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) का एक महत्वपूर्ण सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों के राष्ट्रव्यापी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की तैयारियों का जायजा लेना है। यह पुनरीक्षण स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है, जो आगामी चुनावों के लिए अहम है।

इस बीच, पश्चिम बंगाल के बारासात में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के संगठनात्मक जिला अध्यक्ष और बारासात नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष सुनील मुखर्जी ने इस पुनरीक्षण प्रक्रिया पर चिंता जताई है।

उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे सर्वेक्षण के दौरान बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के साथ घर-घर जाएं। अगर मतदाता सूची से एक भी व्यक्ति का नाम हटाया गया तो हम इसका कड़ा विरोध करेंगे।"

उन्होंने आगे कहा, "हम ऐसा आंदोलन करेंगे कि ताकि केंद्र सरकार को यह एहसास हो सके कि बंगाल आंदोलनों की धरती है।"

वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने सांसदों के लिए दिल्ली में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है, जिसमें सभी सांसदों ने हिस्सा लिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य पार्टी की रणनीति को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए सांसदों को तैयार करना है।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए सुनील मुखर्जी ने कहा, "भाजपा जो सोचेगी, वही करेगी। हम तृणमूल कांग्रेस से हैं और हमारी विचारधारा भाजपा से मेल नहीं खाती। इसलिए यह मायने नहीं रखता कि भाजपा दिल्ली में क्या करती है।"

उन्होंने टीएमसी की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी बंगाल की जनता के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी।

बता दें चुनाव आयोग के सम्मेलन में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के साथ-साथ मतदाता जागरूकता अभियानों और तकनीकी उन्नयन पर भी चर्चा होगी। यह कदम पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

Point of View

यह ध्यान देना आवश्यक है कि चुनाव आयोग का यह सम्मेलन मतदाता सूचियों की सटीकता और पारदर्शिता के लिए महत्वपूर्ण है। यह सभी राजनीतिक दलों के लिए एक अवसर है कि वे अपने विचार व्यक्त करें और मतदाता जागरूकता बढ़ाएं। इस प्रक्रिया में सभी की भागीदारी एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण क्यों आवश्यक है?
मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण इसलिए आवश्यक है ताकि चुनावों में स्वच्छता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
टीएमसी की चिंताओं का क्या महत्व है?
टीएमसी की चिंताएं इस बात को दर्शाती हैं कि राजनीतिक दल मतदाता सूची के मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं।
भाजपा की कार्यशाला का उद्देश्य क्या है?
भाजपा की कार्यशाला का उद्देश्य सांसदों को आगामी चुनावों के लिए तैयार करना और पार्टी की रणनीति को मजबूत करना है।