क्या भारत-यूके का व्यापार समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए साझा विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा?

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क्या भारत-यूके का व्यापार समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए साझा विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-यूके व्यापार समझौते की महत्ता पर जोर दिया है। यह समझौता न केवल दोनों देशों के बीच विकास का एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा, बल्कि लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगा। जानिए इस समझौते से क्या-क्या लाभ होंगे।

Key Takeaways

  • भारत-यूके समझौता दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच विकास का मार्ग है।
  • द्विपक्षीय व्यापार में सुधार का लक्ष्य 2050 तक दोगुना करना है।
  • रेयर अर्थ मिनरल जैसे क्षेत्रों का महत्व बढ़ रहा है।
  • एमएसएमई को सशक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
  • वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति में सहयोग मजबूत किया जा रहा है।

मुंबई, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत-यूके के बीच का व्यापार समझौता वास्तव में दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक साझा विकास और समृद्धि का रोडमैप तैयार कर रहा है। यह समझौता मार्केट एक्सेस के साथ-साथ दोनों देशों के एमएसएमई को सशक्त करेगा और लाखों युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर प्रदान करेगा।

देश की आर्थिक राजधानी में आयोजित भारत-यूके सीईओ फोरम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "वर्तमान में हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब डॉलर का है। हमने 2050 तक इसे दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि हम इस लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा से पहले हासिल कर लेंगे। भारत की राजनैतिक स्थिरता और व्यापक मांग से हम आगे बढ़ सकते हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर, वित्त, फार्मास्यूटिकल्स आदि क्षेत्रों में यहाँ बड़े अवसर मौजूद हैं।"

प्रधानमंत्री ने भारत की बढ़ती क्षमता का जिक्र करते हुए कहा, "हमारी अर्थव्यवस्था सुधारों के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ रही है।" उन्होंने रेयर अर्थ मिनरल के महत्व पर भी जोर दिया, जिसे रणनीतिक क्षेत्रों के रूप में देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर ने सामूहिक रूप से सीईओ फोरम में भाग लिया, जहाँ दोनों देशों के प्रमुख व्यापारिक और वित्तीय नेता एकत्र हुए थे।

मोदी ने कहा कि दोनों देशों के उद्योग जगत के नेताओं और नीति निर्माताओं के प्रयासों से भारत और ब्रिटेन ने व्यापार और आर्थिक सहयोग की एक मजबूत नींव रखी है।

उन्होंने कहा, "भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारी बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।"

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत और पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता पर विचारों का आदान-प्रदान किया और संघर्षरत क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए समर्थन की पुष्टि की।

Point of View

बल्कि वैश्विक स्थिरता को भी बनाए रखेगा। दोनों देशों के व्यापारिक नेताओं का प्रयास इस दिशा में महत्वपूर्ण है।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत-यूके व्यापार समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देना और आर्थिक सहयोग को मज़बूत करना है।
क्या इस समझौते से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे?
जी हाँ, यह समझौता लाखों युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।