क्या आप जानते हैं 'दिल हूम हूम करे' से लेकर 'ओ गंगा तू बहती हो क्यों' तक भूपेन हजारिका के अमर गीतों की खासियत?

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क्या आप जानते हैं 'दिल हूम हूम करे' से लेकर 'ओ गंगा तू बहती हो क्यों' तक भूपेन हजारिका के अमर गीतों की खासियत?

सारांश

भूपेन हजारिका के गाने केवल संगीत नहीं हैं; वे समाज की सच्चाइयों को बयां करने वाले गहरे संदेश हैं। जानें उनके अमर गीतों के पीछे की कहानियाँ और उनका प्रभाव।

Key Takeaways

  • भूपेन हजारिका की आवाज़ दिल को छू जाती है।
  • उनके गाने समाज की सच्चाइयों को उजागर करते हैं।
  • उन्होंने विभिन्न भाषाओं में गीत गाए हैं।
  • भूपेन दा को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
  • उनके गीतों में गहरा संदेश छिपा होता है।

मुंबई, ८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत रत्न भूपेन हजारिका की आवाज़ का हर कोई दीवाना है। उनका हर एक सुर, हर एक बोल सीधे दिल को छू जाता है। उन्हें लोग प्यार से भूपेन दा बुलाते थे। वह एक अद्भुत गायक और शानदार संगीतकार थे। उनके गानों में दर्द, प्यार, समाज की सच्चाई और गहरे संदेश छिपे होते थे।

भूपेन हजारिका का जन्म ८ सितंबर १९२६ को असम के सदिया गांव में हुआ था। बचपन से ही उन्हें संगीत से प्रेम था। उनकी माँ उन्हें पारंपरिक लोरियां सुनाया करती थीं, और वहीं से उनके दिल में संगीत की लौ जल उठी थी। वह अपने गीतों को खुद लिखते, उनका संगीत बनाते और फिर उन्हें गाते भी थे। उनका हर गाना एक सोच लेकर आता था, एक सवाल उठाता था, या फिर गहरे दर्द को सामने रखता था।

उनके सबसे प्रसिद्ध गीतों में से एक 'दिल हूम हूम करे, घबराए...' है। यह गाना फिल्म 'रुदाली' से है और इसे भूपेन दा ने खुद संगीतबद्ध किया था। इस गीत में दिल की बेचैनी, दर्द और अकेलेपन को इतने सादे लेकिन असरदार शब्दों में कहा गया है कि सुनते ही आंखें नम हो जाती हैं। लता मंगेशकर और भूपेन दा की आवाज़ ने मिलकर इस गाने को यादगार बना दिया।

भूपेन दा ने सिर्फ प्रेम या दर्द के गीत नहीं गाए, उन्होंने समाज को भी अपने गीतों से आईना दिखाया। उन्होंने 'ओ गंगा तू बहती हो क्यों...' के जरिए समाज को संदेश दिया कि देश में नैतिकता खत्म हो रही है, लेकिन गंगा नदी फिर भी शांत तरीके से बह रही है। उनके हर एक गीत के पीछे मकसद और गहरी सोच छुपी होती थी।

उनका एक और गाना जो बेहद सुंदर और अर्थपूर्ण है, वह 'समय ओ धीरे चलो' है। इसमें भूपेन दा समय से गुजारिश करते हैं कि वह धीरे-धीरे चले, ताकि दुखों से राहत मिल सके, ताकि कुछ खोया हुआ वापस पाया जा सके। इस गीत की भाषा बेहद सरल है और इसका संगीत शांति और गहराई से भरपूर है।

उन्होंने ऐसे कई गाने बनाए जो गरीबों, मजदूरों, महिलाओं और वंचितों की आवाज बने। उनके गीतों में लोक संगीत की मिठास होती थी, लेकिन उनमें एक आधुनिक सोच भी होती थी। उन्होंने असमिया, हिंदी, बांग्ला और कई भाषाओं में गीत गाए और सभी जगहों पर उन्हें उतना ही प्यार मिला।

भूपेश दा के गाने 'एक कली दो पत्तियां' में मासूमियत और बर्बरता, दोनों का जिक्र है। यह गाना पहले तो एक बगीचे की सुंदरता और नन्ही कली की बात करता है, फिर अचानक उस कली पर छा जाने वाले अंधेरे का वर्णन करता है। इस गाने में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और समाज की चुप्पी को दिखाया गया है।

भूपेन हजारिका को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, पद्म भूषण, और भारत रत्न जैसे बड़े सम्मान मिले। आज भी लोग उनके गाने सुनना पसंद करते हैं।

Point of View

बल्कि हमें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और सामाजिक मुद्दों पर जागरूक करते हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने अपने गानों के माध्यम से समाज को एक नई सोच दी।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

भूपेन हजारिका के सबसे प्रसिद्ध गीत कौन से हैं?
भूपेन हजारिका के प्रसिद्ध गीतों में 'दिल हूम हूम करे', 'ओ गंगा तू बहती हो क्यों', और 'समय ओ धीरे चलो' शामिल हैं।
भूपेन हजारिका को कौन-कौन से पुरस्कार मिले हैं?
उन्हें दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड, पद्म भूषण, और भारत रत्न जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं।
भूपेन हजारिका ने किन भाषाओं में गाने गाए?
उन्होंने असमिया, हिंदी, बांग्ला और कई अन्य भाषाओं में गाने गाए।
भूपेन हजारिका के गीतों का संदेश क्या होता है?
उनके गीतों में समाज की सच्चाइयों, प्यार, और दर्द के गहरे संदेश छिपे होते हैं।
भूपेन हजारिका का जन्म कब हुआ था?
उनका जन्म ८ सितंबर १९२६ को असम के सदिया गांव में हुआ था।