क्या केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ब्राजील में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ब्राजील में कॉप30 सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
- जलवायु वित्त और अनुकूलन रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी।
- भारत ने विकासशील देशों के लिए वित्तीय सहायता की आवश्यकता पर जोर दिया है।
- वन्यजीव संरक्षण के लिए साझेदारी को मजबूत करने की अपील की गई है।
- इस दौरे का उद्देश्य भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करना है।
नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने रविवार को ब्राजील के दौरे की शुरुआत की। वह यहां आयोजित होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने जानकारी साझा की, "आज ब्रासीलिया, ब्राजील पहुंचा हूं, जहां मैं कॉप30 प्रेसीडेंसी द्वारा आयोजित प्री कॉप30 सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करूंगा।"
उन्होंने बताया कि आगामी दो दिनों में यह मंच देशों को कॉप30 की सफलता के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनाने का अवसर प्रदान करेगा। सार्थक चर्चाओं की उम्मीद जताई जा रही है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कॉप30 में वह विकासशील देशों के लिए जलवायु वित्त की मांग, अनुकूलन रणनीतियों और वैश्विक कार्बन बाजार की कार्यप्रणाली पर भी जोर देंगे।
भारत ने बार-बार यह कहा है कि 2035 तक विकासशील देशों को सालाना 300 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता अपर्याप्त है और इस पर जोर दिया है कि विकसित देशों को विकासशील देशों की जलवायु कार्रवाई में सहयोग करना चाहिए। केंद्रीय मंत्री इस मुद्दे को कॉप30 में उठाने की संभावना जता रहे हैं।
इससे पहले, वन्यजीव सप्ताह 2025 समारोह के तहत, उन्होंने 6 अक्टूबर को प्रजातियों के संरक्षण और संघर्ष प्रबंधन के लिए पांच राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इनमें प्रोजेक्ट डॉल्फिन, प्रोजेक्ट स्लॉथ बियर, प्रोजेक्ट घड़ियाल और बाघों की कार्ययोजना शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने सलीम अली पक्षी विज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास केंद्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का भी शुभारंभ किया। यह केंद्र मानव-वन्यजीव संघर्षों की नीति, अनुसंधान एवं क्षेत्र-आधारित शमन में सहयोग प्रदान करेगा।
भूपेंद्र यादव ने सभी हितधारकों से संरक्षण के लिए साझेदारी को मजबूत करने की अपील की और कहा, "वन्यजीव संरक्षण केवल एक कर्तव्य नहीं है, बल्कि प्रकृति और लोगों के बीच सामंजस्य सुनिश्चित करने की एक साझा जिम्मेदारी है।"