क्या बिहार अधिकार यात्रा में रोजगार, महिला सुरक्षा और किसानों की आमदनी पर चर्चा होगी?

सारांश
Key Takeaways
- युवाओं के रोजगार का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।
- महिलाओं के सम्मान को सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा।
- किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिए योजनाएं बनाई जाएंगी।
- शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- राजनीतिक जागरूकता को बढ़ाने का प्रयास होगा।
कैमूर, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजद नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में 'बिहार अधिकार यात्रा' का आयोजन किया जाएगा। इस संदर्भ में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। बक्सर राजद सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि इस यात्रा के दौरान युवाओं के रोजगार, महिलाओं के सम्मान, किसानों की आमदनी और लोगों की शिक्षा-स्वास्थ्य पर चर्चा की जाएगी।
रामगढ़ विधानसभा के दुर्गावती प्रखंड के सावठ में शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल द्वारा जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सुधाकर सिंह ने बिहार सरकार पर कड़ा प्रहार किया।
आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों की रक्षा के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है। उन्होंने कहा कि चुनाव हर पांच साल में होते हैं, लेकिन भाजपा और आरएसएस वोटर लिस्ट से नाम हटा कर लोगों को उनके अधिकारों से वंचित कर रहे हैं। यह यात्रा उन अधिकारों को वापस दिलाने के लिए है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मणिपुर दौरे पर सुधाकर सिंह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का मणिपुर जाकर वहां लोगों का न दिखाई देना यह दर्शाता है कि लोगों ने उन्हें असम्मानजनक तरीके से विदा किया है। लोगों का मानना है कि मणिपुर की समस्याओं का समाधान नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री जिम्मेदार हैं।
राजद सांसद ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि वह कपड़ा मंत्री हैं, लेकिन बिहार में एक भी कपड़ा फैक्ट्री नहीं खोली गई है, जबकि मंदिर-मस्जिद की बातें जरूर करते हैं।
सुधाकर सिंह ने नेपाल मुद्दे पर भी टिप्पणी की और कहा कि भारत आशा करता है कि वहां जल्द ही लोकतांत्रिक तरीके से नया चुनाव होगा। हम किसी भी चुनी हुई सरकार को बम और गोले के आधार पर हटाने का समर्थन नहीं कर सकते।
उन्होने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के संदर्भ में सरकार पर व्यंग्य किया। सुधाकर सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री कहते थे कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेंगे, लेकिन कैसे खेलेंगे? देश में पैसे के बल पर कुछ भी संभव है। दो महीने पहले जिस चीन के खिलाफ बॉयकॉट का अभियान चलाया जा रहा था, आज उसी चीन के साथ बैठकें हो रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है।