क्या प्रधानमंत्री मोदी के संबंध में इस्तेमाल की गई भाषा अपमानजनक है? : मंत्री रेणु देवी

सारांश
Key Takeaways
- बिहार बंद का आह्वान अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में हुआ है।
- मंत्री रेणु देवी ने इस भाषा को निंदनीय बताया है।
- राजनीति में इस तरह की भाषा शैली को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
- सरकार ने विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
- यह विषय सामाजिक संवेदनशीलता का प्रतीक है।
पटना, 3 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के दरभंगा में प्रधानमंत्री मोदी के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में ‘बिहार बंद’ का आह्वान किया गया है। इस पर अब मंत्री रेणु देवी का बयान सामने आया है। उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जिस तरह के अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी के संबंध में किया गया है, उससे पूरे देश के लोगों को ठेस पहुंची है। पूरे देश के लोगों में इसे लेकर गुस्सा है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संबंध में जिस तरह की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है, उसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल प्रधानमंत्री मोदी के संबंध में किया गया, वो पूरी तरह से निंदनीय है। लोगों में इसे लेकर रोष है। राजनीति में इस तरह की भाषा शैली को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि वैसे भी इन लोगों से कुछ खास अच्छा किए जाने की उम्मीद नहीं की जा सकती है। जब तक इनकी सरकार प्रदेश में रही, तब तक इन पर दरिद्रता ही छाई रही। जब इनकी सरकार थी, तो बजट सिर्फ 23 हजार करोड़ का ही था, लेकिन आज तक यह बजट 23 लाख करोड़ के पार पहुंच चुका है। आज समाज में बैठे अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का काम किया जा रहा है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति विकास से वंचित नहीं रहे। हमारी सरकार ने प्रदेश में विकास की गति तीव्र करने की दिशा में काम किया।
मंत्री रेणु देवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के संबंध में जिस तरह की अमर्यादित टिप्पणी की है, उसका बदला निश्चित तौर पर आने वाले दिनों में लिया जाएगा। कल हम 12 बजे तक बिहार को बंद रखेंगे।
उन्होंने कहा कि जिस तरह की अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया, उसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी के दिल में दर्द है। मां तो मां होती है। मां किस तरह से कठिन परिस्थितियों से गुजरकर अपने बच्चों का पालन-पोषण करती है, ये तो केवल वो ही जानती है। इस अपमानजनक भाषा को लेकर भारत के हर व्यक्ति के दिल में दर्द है।