क्या बिहार चुनाव में आचार संहिता का पालन हो रहा है?

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क्या बिहार चुनाव में आचार संहिता का पालन हो रहा है?

सारांश

बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो गई है, लेकिन चुनावी बैनर-पोस्टर हटाने में प्रशासन की लापरवाही देखने को मिल रही है। जानें इस संदर्भ में प्रशासन और राजनीतिक दलों की स्थिति क्या है।

Key Takeaways

  • आचार संहिता का पालन आवश्यक है।
  • चुनाव में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को सक्रिय रहना होगा।
  • अवैध सामग्री पर कार्रवाई की जा रही है।
  • सोशल मीडिया पर निगरानी जरूरी है।
  • मतदाता को स्वतंत्रता से मतदान करने का अधिकार है।

कैमूर, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही पूरे बिहार में आचार संहिता लागू की गई है। यूपी-बिहार सीमा पर वाहनों की जांच का कार्य आरंभ हो चुका है, लेकिन सड़कों पर चुनावी बैनर-पोस्टर अभी भी मौजूद हैं। जिला प्रशासन की ओर से इन बैनरों और पोस्टरों को हटाने की कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कैमूर जिले में अब भी विभिन्न राजनीतिक दलों के बैनर और पोस्टर लगे हुए हैं। इन्हें हटाने के लिए संबंधित प्रखंडों और नगर के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद इनको हटाने में कोई प्रगति नहीं हुई है। मोहनिया-पटना मुख्य मार्ग सहित प्रखंड क्षेत्र में एनडीए और महागठबंधन के बड़े-बड़े होर्डिंग और बैनर अभी भी लगे हुए हैं।

मोहनिया के एसडीएम अनिरुद्ध पांडेय ने कहा कि शनिवार से आचार संहिता लागू होने के बाद राजनीतिक दलों के बैनर-पोस्टर हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जहाँ भी पोस्टर नहीं हटाए गए हैं, उन्हें जल्द ही हटा लिया जाएगा। सभी विभागों के अधिकारियों को चुनाव के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

इसी बीच, इस अभियान के तहत पुलिस और अन्य एजेंसियों ने अब तक बड़ी मात्रा में अवैध सामग्री जब्त की है, जिसकी कुल अनुमानित राशि लगभग 2.04 करोड़ रुपए है। जब्त की गई सामग्री में 128 लाख रुपए की शराब, 61.17 लाख रुपए के नशीले पदार्थ और नकद राशि शामिल है।

निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, आबकारी, आयकर, नॉरकोटिक्स ब्यूरो, सीमा शुल्क और फ्लाइंग स्क्वॉड टीमें लगातार संयुक्त अभियान चला रही हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने सभी जिलों को निगरानी को मजबूत करने और हर शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, ताकि मतदाता बिना किसी प्रलोभन के स्वतंत्र रूप से मतदान कर सकें।

भारत निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों और प्रशासन को कानून व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर रखने को कहा गया है, जिससे चुनाव के दौरान माहौल को खराब होने से रोका जा सके।

Point of View

NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

आचार संहिता क्या होती है?
आचार संहिता का अर्थ चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता को बनाए रखना है। यह नियम चुनाव के दौरान सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों पर लागू होते हैं।
बिहार चुनाव में आचार संहिता का पालन क्यों नहीं हो रहा?
बिहार में चुनावी बैनर-पोस्टर हटाने में प्रशासन की लापरवाही और राजनीतिक दलों की अनदेखी के कारण आचार संहिता का पालन नहीं हो रहा है।
क्या चुनावी बैनर पोस्टर हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है?
हां, प्रशासन ने बैनर-पोस्टर हटाने की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन इससे संबंधित अधिकारियों की ओर से कार्रवाई में कोई तेजी नहीं दिखाई दे रही है।
क्या प्रशासन ने अवैध सामग्री पर कार्रवाई की है?
जी हां, प्रशासन ने अवैध सामग्री जब्त की है, जिसमें शराब और नशीले पदार्थ शामिल हैं।
मतदाता स्वतंत्र रूप से कैसे मतदान कर सकते हैं?
मतदाता स्वतंत्र रूप से मतदान कर सकें, इसके लिए प्रशासन को सभी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करनी होगी और चुनावी माहौल को साफ रखना होगा।