क्या बिहार चुनाव में गोरक्षा करने वालों को ही वोट देना चाहिए: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती?

सारांश
Key Takeaways
- गोमाता को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग।
- बिहार चुनाव में गोरक्षा को प्राथमिकता दें।
- स्वामी जी की 'रामधाम' योजना का महत्व।
- दीपावली पर गोमाता की सुरक्षा का संकल्प।
- राजनीति में धर्म और गोरक्षा का संबंध।
बेमेतरा, 20 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने सोमवार को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में गोमाता को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में लोग केवल गोरक्षा करने वालों को ही वोट दें।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सरकार को जल्दी से जल्दी गोमाता को राष्ट्रमाता घोषित करना चाहिए। उनका मानना है कि अगर सनातन धर्म को मानने वाले लोग संकल्प लें कि वे केवल उसी नेता को वोट देंगे जो गोमाता की रक्षा करेगा, तो सभी पार्टी के नेता गोरक्षा के लिए आगे आएंगे।
उन्होंने बिहार चुनाव के संदर्भ में कहा कि उनका उद्देश्य सनातन धर्मियों को पाप से बचाना और पुण्य अर्जन के लिए प्रेरित करना है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने अपनी 'रामधाम' योजना के बारे में बताया, जिसके तहत वे भारत की हर विधानसभा में 108 गोमाताओं के सुखद निवास के लिए रामधाम की स्थापना कर रहे हैं। यह कार्य सैकड़ों विधानसभाओं में चल रहा है और धीरे-धीरे इसका मूर्त रूप सामने आएगा।
उन्होंने कहा कि अगर हर जगह यह मॉडल सफल हो जाता है, तो बहुत से लोग इस पर काम करना शुरू करेंगे। इस तरह गोमाता की सेवा शुरू हो जाएगी।
शंकराचार्य जी ने कहा कि दीपावली गोमाता का त्योहार है, जो गोवत्स द्वादशी से शुरू होता है और गोवर्धन पूजा, भाई दूज जैसे पर्वों को समाहित करता है। उन्होंने प्रश्न किया, "जब गोमाता ही खतरे में है, तो हम दिवाली कैसे मना सकते हैं?"
उन्होंने कहा कि उन्हें दीपावली की खुशी तब होगी, जब यह सुनिश्चित हो जाएगा कि देश में गो माता की हत्या नहीं होगी।
स्वामी ने सनातनियों से आग्रह किया कि वे दीपावली के अवसर पर संकल्प लें कि वे ऐसे किसी प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे जो गो माता को चोट पहुंचाए। अगर यह बात स्पष्ट रूप से गूंजने लगे, तो खेल पलट जाएगा।