क्या हमारी हार में भी जनता की जीत छिपी है? तेज प्रताप यादव
सारांश
Key Takeaways
- तेज प्रताप यादव ने हार में भी जीत का संदेश दिया है।
- बिहार की राजनीति में सुशासन और शिक्षा की आवश्यकता है।
- एनडीए की अटूट एकता ने जीत की शक्ति को बढ़ाया।
- जनता का समर्थन और विश्वास महत्वपूर्ण है।
- तेज प्रताप यादव ने वादों को निभाने का आश्वासन दिया है।
नई दिल्ली, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को भारी जीत मिली है। वहीं जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने अपनी पार्टी की हार पर कहा कि हमारी हार में भी जनता की जीत छिपी है।
तेज प्रताप यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, "हमारी हार में भी जनता की जीत छिपी है। आज के परिणामों को मैं जनादेश के रूप में स्वीकार करता हूं। हमारी हार कर भी जीत हुई है, क्योंकि बिहार ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि अब राजनीति परिवारवाद की नहीं, सुशासन और शिक्षा की होगी।"
उन्होंने आगे कहा कि यह जयचंदों की करारी हार है। हमने पहले ही कहा था कि इस चुनाव के बाद बिहार से कांग्रेस समाप्त हो जाएगी, और आज यह साफ दिख गया है। मैं हारकर भी जीता हूं, क्योंकि मेरे साथ जनता का प्रेम, विश्वास और आशीर्वाद है।
तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी पर हमला करते हुए लिखा कि यह सच्चाई कड़वी है। इन जयचंदों ने आरजेडी को भीतर से खोखला कर दिया है, जिससे तेजस्वी यादव फेलस्वी हो गए। जिन्होंने अपने ही घर को आग लगाकर अपनी कुर्सी को बचाने की कोशिश की, इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं, जनता ही मां-बाप होती है। जनता का फैसला सर-माथे पर है और आज भी उसी भावना के साथ मैं आपका फैसला स्वीकार करता हूं। हार और जीत अलग बातें हैं, लेकिन इरादा और प्रयास ही असली जीत होते हैं। महुआ की जनता से मैंने जो वादे किए थे, उन्हें निभाने का प्रयास मैं निरंतर करता रहूंगा, चाहे मैं विधायक बनूं या नहीं। मेरे दरवाजे हर समय जनता के लिए खुले रहेंगे।
बिहार ने सुशासन की सरकार चुनी है, हम उसका सम्मान करते हैं और जनता के हित में हर कदम पर रचनात्मक भूमिका निभाएंगे। यह जीत हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व और उनके जादुई नेतृत्व का कमाल है। जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन को खुले दिल से अपनाया है। बिहार की यह ऐतिहासिक जीत भारत के गृहमंत्री अमित शाह तथा धर्मेंद्र प्रधान की कूटनीति, दूरदृष्टि और मेहनत का परिणाम है।
तेज प्रताप यादव ने कहा कि इस विजय का सबसे बड़ा कारण एनडीए की अटूट एकता है। एनडीए गठबंधन की सभी पांच पार्टियों, ‘पांच पांडवों’ ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा, और जनता ने अपना विश्वास, मत और भरपूर समर्थन देकर इस एकता को विजय की शक्ति में बदल दिया। यह जीत बिहार की जनता की है, यह जीत विश्वास की है, यह जीत विकास और सुशासन के संकल्प की है।