क्या बिहार चुनाव और उपचुनाव 2025 में साइलेंस पीरियड के दौरान प्रचार पर रोक है?
सारांश
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे: 6 और 11 नवंबर।
- साइलेंस पीरियड के दौरान किसी भी प्रकार का प्रचार प्रतिबंधित है।
- एग्जिट पोल का संचालन और प्रकाशन पूरी तरह से запрещ है।
- नियमों के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है।
- मतदाता सहायता और न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव और उपचुनावों से पहले, चुनाव आयोग ने सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, न्यूज चैनलों और डिजिटल नेटवर्क्स को सख्त चेतावनी दी है। आयोग ने कहा है कि आगामी चुनावों के दौरान साइलेंस पीरियड और एग्जिट पोल से संबंधित नियमों का कड़ाई से पालन करना आवश्यक है।
चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126(1)(बी) का उल्लेख करते हुए कहा कि मतदान समाप्त होने से 48 घंटे पहले किसी भी प्रकार की चुनावी सामग्री या प्रचार का प्रसारण टीवी, रेडियो या अन्य माध्यमों पर नहीं होना चाहिए।
इस साइलेंस पीरियड के दौरान किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार के पक्ष या विपक्ष में चर्चा, बहस या मतदाता को प्रभावित करने वाला कोई भी कार्यक्रम प्रसारित करना कानूनन अपराध माना जाएगा।
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि धारा 126ए के तहत एग्जिट पोल का संचालन या प्रकाशन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंध 6 नवंबर सुबह 7 बजे से लेकर 11 नवंबर शाम 6:30 बजे तक लागू रहेगा। इस दौरान प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सभी माध्यमों पर एग्जिट पोल से संबंधित कोई भी जानकारी साझा नहीं की जा सकेगी।
चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि इन नियमों के उल्लंघन पर दो साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों दंडनीय हो सकते हैं।
आयोग ने सभी मीडिया संस्थानों से अपील की है कि वे चुनाव की निष्पक्षता और पवित्रता बनाए रखने के लिए इन निर्देशों का पूरी जिम्मेदारी से पालन करें।
आयोग ने अपने प्रेस नोट में कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र की आत्मा हैं। मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को चाहिए कि वे साइलेंस पीरियड के दौरान किसी भी ऐसी सामग्री से बचें जो मतदाता की सोच को प्रभावित कर सके।
बता दें कि इससे पहले आयोग ने शुक्रवार को यह भी घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव और आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यूनतम सुविधा (एएमएफ) और मतदाता सहायता की व्यवस्था की जाएगी ताकि हर मतदाता को सुगम और सम्मानजनक मतदान का अनुभव मिल सके।