क्या बिहार के कैलाश नगर में मतदाता पुनरीक्षण में आ रही हैं समस्याएं?

सारांश
Key Takeaways
- मतदाता पुनरीक्षण का कार्य बिहार में चल रहा है।
- ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- केवल आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों पर जोर दिया जा रहा है।
- स्थायी आवास प्रमाण पत्र की कमी एक बड़ी समस्या है।
- समय सीमा 25 से 26 जुलाई है।
पटना, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस) । बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता पुनरीक्षण का कार्य जारी है। चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
आईएनएस से विशेष बातचीत में कैलाश नगर, वार्ड नंबर 4 के राम अवतार बैठा ने कहा, "यहां की समस्या यह है कि विभिन्न स्थानों से लोग आए हुए हैं। हमारे पास केवल आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे प्रूफ हैं। इन दस्तावेजों के आधार पर ही वोटर लिस्ट का सत्यापन होना चाहिए।"
इसी वार्ड के कृष्णा प्रसाद गुप्ता ने कहा, "वार्ड नंबर 4 की बस्ती रेलवे की जमीन में बसी है। इसलिए स्थाई आवास प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि केवल आधार, राशन और पहचान पत्र के आधार पर ही मतदाता पुनरीक्षण किया जाए।"
बूथ नंबर 55 के बीएलओ प्रियेश कुमार वर्मा ने बताया कि मतदाता पुनरीक्षण लिस्ट में दिए गए 11 विकल्पों में से कुछ दस्तावेज लोगों के पास नहीं हैं। हम लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाएं या 2003 की मतदाता सूची में माता-पिता का नाम हो तो बच्चों का मतदाता पुनरीक्षण करा लें।
उन्होंने कहा, "यहां की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों के पास जमीन से जुड़े किसी भी प्रकार का कोई कागज नहीं है। ये सभी लोग दूसरे स्थानों (बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों) से आकर बसे हैं। बहुत से लोगों के पास तो मैट्रिक का सर्टिफिकेट भी नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा कि इस कार्य को पूरा करने के लिए हमें 25 से 26 जुलाई की समय सीमा दी गई है। मुझे बूथ नंबर 55 की जिम्मेदारी दी गई है, जो कैलाश नगर में स्थित है। यहां कुल मतदाता 1400 हैं, जिनमें से 150 लोगों का वोटर आईडी सत्यापित किया जा चुका है।