क्या बिहार में प्रशांत किशोर का 'सुपर फ्लॉप शो' हुआ? 236 सीटों पर जमानत जब्त

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क्या बिहार में प्रशांत किशोर का 'सुपर फ्लॉप शो' हुआ? 236 सीटों पर जमानत जब्त

सारांश

क्या प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में असफलता के बाद राजनीति में कोई बदलाव ला सकेगी? जानिए किस तरह 236 सीटों पर पार्टी की जमानत जब्त हो गई।

Key Takeaways

  • जन सुराज पार्टी ने 243 सीटों में से 238 पर चुनाव लड़ा।
  • 236 सीटों पर जमानत जब्त हुई।
  • पार्टी को 16.77 लाख वोट मिले।
  • एनडीए ने 202 सीटों पर जीत हासिल की।
  • पार्टी का मत प्रतिशत 3.34 रहा।

नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में बड़े परिवर्तन का दावा करने वाली प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को भारी असफलता का सामना करना पड़ा है। 243 में से 238 सीटों पर जन सुराज पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे, जिनमें से 236 सीटों पर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। इस पर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने आंकड़े साझा किए हैं।

अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "उन सभी पत्रकारों और सर्वेक्षणकर्ताओं के लिए जिन्होंने सोचा था कि जन सुराज पार्टी बिहार में एनडीए का भाग्य तय करेगी, यहां कुछ आंकड़े हैं जिन पर गौर करना आवश्यक है।"

उन्होंने बताया कि जन सुराज पार्टी ने कुल 238 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें से 236 सीटों पर जमानत जब्त हो गई। जन सुराज पार्टी ने कोई सीट नहीं जीती और सिर्फ एक सीट पर दूसरे स्थान पर रही। 122 सीटों पर तीसरे नंबर से नीचे (चौथे और उससे भी नीचे) रही। 61 सीटों पर नोटा से भी कम वोट मिले। बिहार चुनाव में जन सुराज पार्टी को कुल 16.77 लाख वोट मिले और पार्टी का मत प्रतिशत 3.34 रहा।

इससे पहले अमित मालवीय ने मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए राहुल गांधी के बयान का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बावजूद वे चिंतित नहीं हैं। मालवीय ने सवाल उठाया कि राहुल कांग्रेस को चुनाव जिताने में असमर्थ क्यों हैं। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी की 95 हार। कई लोग उन्हें 9 से 5 बजे तक दोषारोपण करने वाला नेता कहेंगे, लेकिन राहुल गांधी दो दशकों में 95 चुनावी हार झेल चुके हैं, जो शतक से पांच कम है। क्या भारत की संस्थाओं पर यह हमला चांदी के चम्मच वाले इस वंशज की ध्यान भटकाने की चाल है?"

गौर करने वाली बात यह है कि बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का शानदार प्रदर्शन रहा। एनडीए ने 202 सीटों पर प्रचंड जीत हासिल की। पहली बार बिहार चुनाव में उतरी प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का खाता तक नहीं खुला।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की असफलता ने बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाया है। इन आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि जब तक कोई ठोस आधार और योजना नहीं होती, तब तक राजनीतिक परिवर्तन की उम्मीदें निराशाजनक हो सकती हैं।
NationPress
16/11/2025

Frequently Asked Questions

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी क्यों असफल हुई?
जन सुराज पार्टी ने 238 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन 236 सीटों पर जमानत जब्त हो गई। इसका मतलब है कि पार्टी को कोई भी सीट नहीं मिली।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख ने क्या कहा?
अमित मालवीय ने कहा कि उन्होंने उन सभी आंकड़ों को साझा किया है जो यह दर्शाते हैं कि जन सुराज पार्टी ने बिहार में कोई प्रभाव नहीं डाला।
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