क्या बिहार में सम्राट चौधरी के बयान से राजनीति गरमा गई है?
सारांश
Key Takeaways
- सम्राट चौधरी का बयान लालू यादव की संपत्तियों पर आधारित है।
- जदयू और भाजपा ने इसे सकारात्मक रूप से लिया है।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ यह एक कदम है।
- भविष्य की पीढ़ियों के लिए यह एक उदाहरण होगा।
- संपत्तियों का समाज के लिए उपयोग होना चाहिए।
पटना, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की एक जब्त संपत्ति पर स्कूल खोलने के बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी है। बिहार में सत्तारूढ़ जदयू और भाजपा ने इस फैसले का स्वागत किया है। जदयू ने इस निर्णय का खुलकर समर्थन किया है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव ने गरीबों के नाम पर जमीनों पर कब्जा किया है। अब उसी भूमि पर सामाजिक कल्याण के कार्य किए जाने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि केवल स्कूल ही नहीं, बल्कि अनाथालय, अति पिछड़ा, अल्पसंख्यक और दलित छात्रावास जैसे संस्थानों का भी निर्माण होना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां देख सकें कि कानून भ्रष्टाचार का समाधान कैसे करता है। उन्होंने कहा कि यह उदाहरण न केवल इस पीढ़ी के लिए बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी होगा।
इस बीच, भाजपा के प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने गृह मंत्री सम्राट चौधरी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों की जब्त संपत्तियों पर स्कूल खोलना एनडीए सरकार की पुरानी नीति रही है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव सजायाफ्ता और भ्रष्टाचारी हैं। भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति का उपयोग समाज के हित में होना चाहिए, इसमें कोई बुराई नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी संपत्तियों का उपयोग समाज के लिए किया जाना चाहिए।
वास्तव में, उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री सम्राट चौधरी ने इस सरकार के गठन के बाद से सख्त रुख अपनाया है। वह लगातार अपराधियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की बातें कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने लालू यादव को ‘रजिस्टर्ड अपराधी’ बताते हुए कहा कि भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति अब समाज के लाभ के लिए उपयोग की जाएगी।
उन्होंने कहा कि चारा घोटाले के लगभग 950 करोड़ रुपए के मामलों में सीबीआई और ईडी ने लालू यादव की कई संपत्तियां अटैच की गई थीं। इनमें पटना के चिड़ियाघर के पास का एक मकान भी शामिल है, जो कई वर्षों से बंद पड़ा है। सम्राट चौधरी का कहना है कि इस भवन को खोलकर उसकी मरम्मत कराई जाएगी और वहां बच्चों के लिए सरकारी स्कूल शुरू किया जाएगा।