क्या बिहार में कानून-व्यवस्था संभालने में एनडीए विफल हो गई है? : तारिक अनवर

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क्या बिहार में कानून-व्यवस्था संभालने में एनडीए विफल हो गई है? : तारिक अनवर

सारांश

कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने बिहार में गोपाल खेमका की हत्या के बाद एनडीए सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि डबल इंजन सरकार अपराधों पर नियंत्रण में नाकाम साबित हुई है। क्या बिहार में कानून का राज स्थापित हो पाएगा? जानिए इस लेख में।

Key Takeaways

  • बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर है।
  • गोपाल खेमका की हत्या ने सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।
  • डबल इंजन सरकार पर आपराधिक गतिविधियों को नियंत्रित करने में नाकामी का आरोप।
  • वोटर वेरिफिकेशन में गरीब लोगों की समस्याएं।
  • भाषा विवाद में सभी को सम्मान देने की जरूरत है।

नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने बिहार की राजधानी पटना में व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या को लेकर एनडीए सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाए। उनका कहना है कि बिहार की डबल इंजन सरकार कानून-व्यवस्था को संभालने में पूरी तरह से असफल रही है। राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाएं सरकार के कानून-व्यवस्था के दावों की पोल खोल रही हैं।

शनिवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि गोपाल खेमका की हत्या यह दर्शाती है कि डबल इंजन सरकार कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में नाकाम रही है। बिहार में निरंतर हो रही आपराधिक घटनाएं इस बात का सबूत हैं। खेमका एक प्रसिद्ध उद्योगपति थे और उनकी हत्या एक गंभीर चिंता का विषय है। यह साफ है कि बिहार में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है।

बिहार में वोटर लिस्ट में सुधार को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस बीच, चुनाव आयोग ने कहा है कि निर्धारित समय सीमा के भीतर वोटर लिस्ट में सुधार की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। जब कांग्रेस सांसद तारिक अनवर से इस पर सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि वोटर वेरिफिकेशन को लेकर जनता में काफी नाराजगी है। गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के पास सभी दस्तावेज नहीं होते हैं। यदि वे दस्तावेज प्रदान नहीं कर पाते हैं, तो उनका नाम लिस्ट से काट दिया जाएगा। अब जनता को इस मुद्दे पर निर्णय लेना होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की जनता को एक ऐसा कानून का राज चाहिए, जहां आपराधिक घटनाओं पर काबू पाया जा सके। विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता इस पर फैसला लेगी।

इसके अलावा, मुंबई में हिंदी-मराठी भाषा विवाद के संदर्भ में उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक साथ आने पर उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक कदम है। यदि कोई भाषा विवाद को लेकर आंदोलन की शुरुआत करते हैं, तो यह दुःखद है। भारत में सभी भाषाओं का स्थान है और हर राज्य की एक अपनी भाषा होती है। सभी को उसका सम्मान करना चाहिए।

जब उद्धव ठाकरे इंडिया ब्लॉक में शामिल हो गए हैं, क्या राज ठाकरे भी इस गठबंधन का हिस्सा बनेंगे? इस पर सांसद ने कहा कि इसका निर्णय वहां के गठबंधन के नेता करेंगे।

Point of View

एक गंभीर चिंता का विषय है। चुनावी माहौल में ऐसे मुद्दे जनता के बीच चर्चा का कारण बनते हैं, और यह देखना आवश्यक है कि आगामी चुनावों में लोग इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

बिहार में कानून-व्यवस्था क्यों बिगड़ रही है?
बिहार में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों और कानून-व्यवस्था के प्रति सरकार की नाकामी के कारण स्थिति बिगड़ रही है।
गोपाल खेमका की हत्या का क्या कारण था?
गोपाल खेमका की हत्या के कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है, लेकिन यह घटना कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है।
क्या बिहार में चुनावों से पहले कानून-व्यवस्था में सुधार होगा?
चुनावों से पहले कानून-व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही है, लेकिन यह सरकार की नीयत पर निर्भर करता है।
वोटर वेरिफिकेशन में क्या समस्याएं आ रही हैं?
कई गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के पास सभी आवश्यक दस्तावेज नहीं होते, जिससे उनका नाम वोटर लिस्ट से कट सकता है।
भाषा विवाद पर कांग्रेस सांसद का क्या कहना है?
कांग्रेस सांसद ने कहा है कि सभी भाषाओं का सम्मान होना चाहिए और किसी को भी भाषा विवाद के कारण पीटना सही नहीं है।