क्या 'प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम' से लाभार्थी विकास की जिंदगी बदली?

सारांश
Key Takeaways
- स्वरोजगार का अवसर
- आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
- छोटे उद्यमों को बढ़ावा देना
- सरकारी सहायता और प्रशिक्षण
- समाज में सकारात्मक बदलाव
पटना, 24 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) ने देशभर में लाखों युवाओं को स्वरोजगार का अनोखा अवसर प्रदान किया है।
इस कार्यक्रम के एक लाभार्थी, विकास ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अपनी सफलता की कहानी साझा की। विकास ने बताया कि इस योजना ने न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने का मौका दिया।
विकास ने कहा, "प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत मुझे अपना व्यवसाय शुरू करने में मदद मिली। इस योजना के जरिए मैंने न केवल खुद के लिए रोजगार बनाया, बल्कि अपने छोटे से उद्यम में छह से सात लोगों को रोजगार भी दे रहा हूं।"
विकास का कहना है कि इस कार्यक्रम ने उनकी जिंदगी को एक नई दिशा दी है। पहले बेरोजगारी की चुनौतियों से जूझ रहे विकास आज अपने व्यवसाय के माध्यम से आत्मनिर्भर बन चुके हैं और दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बने हैं।
उन्होंने आगे कहा, "मैं सभी युवाओं से अपील करता हूं कि वे इस तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। स्वरोजगार अपनाकर न केवल आप अपनी जिंदगी बेहतर बना सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। यह बेरोजगारी की समस्या से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है।"
विकास का मानना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस तरह की योजनाओं में भाग लें और स्वरोजगार के प्रति आकर्षित हों।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सूक्ष्म उद्यमों को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत सरकार वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करती है, ताकि युवा अपने व्यवसाय शुरू कर सकें।
विकास जैसे कई लाभार्थियों की कहानियां इस बात का सबूत हैं कि यह योजना न केवल व्यक्तिगत विकास में मदद करती है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति में भी योगदान देती है। इस योजना ने न केवल उनके सपनों को उड़ान दी, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का अवसर प्रदान किया।