क्या बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीमावर्ती जिलों में 393 चेकपोस्ट बनाए जाएंगे?

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में 393 चेकपोस्ट बनाए जाएंगे।
- अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
- सुरक्षा बढ़ाने के लिए मिरर चेकपोस्ट स्थापित किए जाएंगे।
- अगस्त तक 84,789 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
- शराबबंदी कानून 2016 से प्रभावी है।
पटना, 22 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी को और भी सख्त किया जा रहा है। शराब और अन्य मादक पदार्थों के साथ-साथ हथियारों की तस्करी पर नियंत्रण पाने के लिए 23 महत्वपूर्ण स्थानों को चिन्हित कर 393 चेक पोस्ट स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
इसके अतिरिक्त, सीमावर्ती राज्यों के जिलों में 176 संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई है, जहां मिरर चेक पोस्ट बनाए जाएंगे। इनमें उत्तर प्रदेश में 96, पश्चिम बंगाल में 34 और झारखंड में 46 मिरर चेक पोस्ट शामिल हैं।
अपर पुलिस महानिदेशक (मद्य निषेध इकाई) अमित कुमार जैन ने बताया कि 2025 में जनवरी से अगस्त के बीच 6,20,322 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है, जिसकी कीमत 72.64 करोड़ रुपये है। इसमें 12,515 लीटर देसी और 5,74,526 लीटर विदेशी शराब के अतिरिक्त 77 हजार लीटर स्प्रिट शामिल है। पिछले वर्ष अवैध शराब के खिलाफ की गई कार्रवाई से यह 16 फीसदी अधिक है। शराबबंदी कानून के 2016 में लागू होने के बाद से अब तक 2 करोड़ 75 लाख 75 हजार 369 लीटर शराब बरामद की गई है। इसमें 97 फीसदी शराब नष्ट की जा चुकी है।
एडीजी ने कहा कि नेपाल से शराब की तस्करी पर रोकथाम के लिए बिहार-नेपाल के सीमावर्ती जिलों में इस वर्ष जुलाई तक 188 बैठकें की गई हैं। इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों और केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी कई बैठकें हो चुकी हैं। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि अगस्त तक अवैध शराब के खिलाफ की गई कार्रवाई में 84,789 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
मद्य निषेध इकाई ने राज्य के बाहर से शराब की तस्करी करने वाले 305 आरोपियों को पहचान किया है, जिनकी सूची संबंधित राज्यों की पुलिस को जुलाई में ही साक्षा कर दी गई है। इनमें कई अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है। इनमें से पांच आरोपियों की गिरफ्तारी मद्य निषेध इकाई की टीम ने दूसरे राज्यों में जाकर की है।