क्या बाइकबॉट घोटाले में ईडी की बड़ी कार्रवाई हुई है, 394.42 करोड़ की संपत्तियां अटैच?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी ने बाइकबॉट घोटाले में 394.42 करोड़ की संपत्तियों को अटैच किया।
- यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है।
- 27 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।
- अधिकांश शहरों में बाइक टैक्सी सेवा शुरू नहीं हुई।
- ईडी की जांच अभी भी जारी है।
नई दिल्ली, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की विशेष टास्क फोर्स ने बाइकबॉट घोटाले में एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए), 2002 के तहत 394.42 करोड़ रुपए से अधिक की अचल और चल संपत्तियों को अटैच किया है।
ईडी द्वारा अटैच की गई संपत्तियां कमाख्या एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर ट्रस्ट, कमाख्या एजुकेशनल सोसायटी, गुरु नानक चैरिटेबल ट्रस्ट, अल्पाइन टेक्निकल एजुकेशन सोसायटी, एपी गोयल चैरिटेबल ट्रस्ट और मीना आनंद के नाम पर पाई गई हैं। ईडी की जांच में यह पता चला है कि जीआईपीएल और इसके प्रमोटर संजय भाटी ने 'बाइकबॉट' नामक बाइक टैक्सी सेवा के माध्यम से लोगों को निवेश का लालच दिया।
कंपनी ने योजना बनाई थी कि ग्राहक 1, 3, 5 या 7 बाइक्स में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद, कंपनी उन बाइक्स को चलाकर निवेशकों को मासिक किराया, ईएमआई, बोनस और रेफरल पर अतिरिक्त प्रोत्साहन देने का वादा करती थी। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए फ्रेंचाइजी भी दी गईं, लेकिन हकीकत यह थी कि अधिकांश शहरों में बाइक टैक्सी सेवा कभी शुरू ही नहीं हुई।
ईडी की जांच से यह भी खुलासा हुआ कि निवेशकों से जुटाई गई राशि को संबंधित कंपनियों में डायवर्ट कर दिया गया और बाद में शैक्षिक ट्रस्ट, सोसायटी और व्यक्तियों के माध्यम से उपयोग किया गया। इस पैसों से मेरठ में कई अचल संपत्तियां खरीदी गईं और बैंकों से पहले से गिरवी रखी गई ज़मीनों को छुड़ाया गया।
ईडी ने इस मामले में कुल 394.42 करोड़ रुपए की संपत्तियों को अटैच किया है, जिनमें अचल संपत्तियां और गिरवी छुड़ाई गई ज़मीन शामिल हैं, जिनका मूल्य लगभग ₹20.49 करोड़ है। इसके अलावा, अपराध के समय मूल्यांकन की गई संपत्तियों का मूल्य लगभग ₹389.30 करोड़ आंका गया है। साथ ही, 5.12 करोड़ रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट भी अटैच की गई हैं।
इससे पहले भी ईडी ने तीन अस्थायी अटैचमेंट आदेशों (20 जुलाई 2020, 4 अक्टूबर 2021 और 10 मई 2024) के जरिए 220.78 करोड़ रुपए की संपत्तियां अटैच की थीं।
अब तक 27 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत और 3 सप्लीमेंट्री शिकायतें गाजियाबाद की विशेष पीएमएलए अदालत में दाखिल की जा चुकी हैं, जिन पर अदालत संज्ञान ले चुकी है। ईडी ने 20 दिसंबर 2020 और 20 जुलाई 2023 को कई स्थानों पर छापेमारी कर डिजिटल सबूत और अन्य दस्तावेज भी बरामद किए थे। इस मामले की ईडी की जांच अभी भी जारी है।