क्या जन सुराज के पोस्टर वाली गाड़ी से शराब मिलने के बाद भाजपा का आरोप सही है?

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क्या जन सुराज के पोस्टर वाली गाड़ी से शराब मिलने के बाद भाजपा का आरोप सही है?

सारांश

क्या बिहार में शराबबंदी को खत्म करने की कोई साजिश चल रही है? रोहतास जिले में जन सुराज के पोस्टर वाली गाड़ी से बरामद शराब ने सियासी माहौल को गरमा दिया है। भाजपा ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए सवाल उठाए हैं। जानिए इस मामले की पूरी सच्चाई क्या है।

Key Takeaways

  • रोहतास में जन सुराज के पोस्टर वाली गाड़ी से शराब की बोतलें बरामद हुईं।
  • भाजपा ने इसे शराबबंदी हटाने की साजिश बताया।
  • साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया जारी है।
  • बिहार की जनता को इस मामले पर जागरूक रहना चाहिए।
  • इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई के बारे में जल्द जानकारी मिलेगी।

पटना, 20 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। रोहतास जिले के काराकाट थाना क्षेत्र में जन सुराज के पोस्टर वाले वाहन से शराब की बोतलें मिलने के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। भाजपा का कहना है कि बिहार में शराबबंदी को समाप्त करने के लिए एक गहरी साजिश चल रही है।

भाजपा के बिहार प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने आशंका जताते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी को खत्म करने के पीछे कोई ‘गहरी साज़िश’ चल रही है। उन्होंने बताया कि 20 करोड़ की डील के बाद शराबबंदी हटाने का आश्वासन दिया गया है! उन्होंने कहा, "कुछ लोग ‘जन सुराज’ नहीं, शायद ‘जनकुशासन’ की स्क्रिप्ट लिखने में लगे हैं। हाल ही में कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जो इशारा करते हैं कि बिहार में शराबबंदी हटाने की कथित योजना के पीछे बड़े वित्तीय लेन-देन और शराब माफिया की गहरी पैठ हो सकती है। जन सुराज की एक गाड़ी से शराब की बोतल का मिलना, 'साउथ ग्रुप' से करोड़ों की कथित पेशगी, एनजीओ के ज़रिए संदिग्ध फंड ट्रांसफर की चर्चा इसमें शामिल है।"

दानिश इकबाल ने कहा कि इन सभी बातों ने बिहार की जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या यह सब किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है? उन्होंने कहा, "कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉय ऑफ गिविंग ग्लोबल फाउंडेशन नामक एनजीओ और एनरिका इंटरप्राइजेज जैसी शेल कंपनियों के माध्यम से शराबबंदी को खत्म करने की आर्थिक तैयारी पहले से ही की जा रही थी। यह भी सामने आ रहा है कि जिन कंपनियों से पैसा जुड़ा हुआ है, उनके संचालक सीधे तौर पर शराब कारोबार से जुड़े हुए हैं।"

उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, "अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या बिहार में शराबबंदी हटाने का वादा ‘जनहित’ में था या ‘शराब माफिया’ के हित में? बातें बेहद गंभीर हैं और सबूतों की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं। बहुत जल्द इन तमाम कड़ियों को जोड़कर पूरी सच्चाई बिहार की जनता के सामने लाई जाएगी।"

गौरतलब है कि रोहतास के काराकाट के जोरावरपुर गांव में शुक्रवार को ट्रक और बोलेरो के बीच जोरदार टक्कर हुई। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब बोलेरो की तलाशी ली, तो गाड़ी के अंदर भारी मात्रा में अवैध शराब लदी हुई थी। गाड़ी पर जन सुराज का पोस्टर लगा हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने बोलेरो और अवैध शराब को जब्त कर लिया।

Point of View

यह आवश्यक है कि हम तथ्यों को ध्यान से देखें। बिहार में शराबबंदी एक संवेदनशील विषय है और इसे राजनीतिक तूल देना कहीं न कहीं जनहित के खिलाफ है। हमें चाहिए कि हम सबूतों के आधार पर ही निष्कर्ष पर पहुंचे।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

क्या जन सुराज के पोस्टर वाली गाड़ी से शराब बरामद हुई है?
हाँ, रोहतास जिले में जन सुराज के पोस्टर वाली गाड़ी से भारी मात्रा में शराब की बोतलें बरामद हुई हैं।
भाजपा का इस पर क्या कहना है?
भाजपा का कहना है कि यह शराबबंदी को समाप्त करने की एक गहरी साजिश है।
क्या इस मामले में कोई ठोस सबूत हैं?
भाजपा ने आरोप लगाया है कि इस मामले में बड़े वित्तीय लेन-देन और शराब माफिया शामिल हो सकते हैं।
क्या बिहार में शराबबंदी की सच्चाई सामने आ रही है?
भाजपा ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताया है और जल्द ही सबूत पेश करने का दावा किया है।
क्या यह मामला राजनीतिक है?
जी हाँ, यह मामला स्पष्ट रूप से राजनीतिक है, जिसमें सियासी आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं।