क्या भाजपा ने ममता बनर्जी के बयान की निंदा की और दुर्गापुर पीड़िता के लिए न्याय की मांग की?

सारांश
Key Takeaways
- सामूहिक दुष्कर्म का मामला गंभीर है।
- राजनीतिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है।
- महिलाओं के प्रति सम्मान का अभाव है।
- सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन की है।
- भाजपा महिला मोर्चा का विरोध प्रदर्शन।
भुवनेश्वर, १३ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के दुर्गापुर में एक निजी मेडिकल कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के चलते सियासत ने तूल पकड़ लिया है। इसी संदर्भ में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में भाजपा महिला मोर्चा ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव रश्मि रेखा दास ने कहा कि यह अत्यंत निराशाजनक है कि एक महिला होने के नाते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दुर्गापुर में इस लड़की से संबंधित घटना पर सहानुभूति और जिम्मेदारी दिखाने में असफल रही हैं। उनके बयान असंवेदनशील और अस्वीकृत हैं।
उन्होंने कहा कि एक महिला नेता के रूप में, उन्हें इस तरह के बयान देने के बजाय महिलाओं के सम्मान और न्याय के लिए खड़ा होना चाहिए था। भाजपा महिला मोर्चा उनके रवैये की कड़ी निंदा करता है और पीड़िता के लिए न्याय सुनिश्चित करने की मांग करता है।
उन्होंने कहा कि पूरा भारत इस तरह की असंवेदनशीलता को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इसके पहले, भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने पीड़िता के बाहर निकलने के समय के बारे में झूठ बोला है।
मालवीय के आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़िता रात १२:३० बजे के बाद बाहर गई थी, जबकि अस्पताल के दस्तावेजों से यह स्पष्ट हुआ है कि यह समय रात ८ बजे था। आईक्यू सिटी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के रिकॉर्ड्स के अनुसार, लड़की ने रात ८ बजे परिसर से बाहर कदम रखा, जो कि किसी भी मानक के अनुसार एक उचित समय है।
उन्होंने कहा कि इस तरह की झूठी जानकारी जनता को गुमराह करने का प्रयास है। घटना कॉलेज परिसर के अंदर नहीं हुई। छात्रा, जो कि दलित समुदाय से है, उसके साथ यह हिंसा परिसर के बाहर हुई। इसलिए सुरक्षा की जिम्मेदारी अब पुलिस और राज्य प्रशासन की है।