क्या आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने राजस्व प्रणाली में पूर्ण सुधार का आदेश दिया?
सारांश
Key Takeaways
- राजस्व प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन का आदेश
- भूमि मालिकों के लिए सरल प्रक्रिया
- ऑनलाइन डाटाबेस की उपलब्धता
- भूमि विवादों का शीघ्र समाधान
- ब्लॉकचेन प्रणाली का सुझाव
अमरावती, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को सचिवालय में राजस्व सेवाओं का समीक्षा बैठक आयोजित किया। इस बैठक में उन्होंने एक वर्ष के भीतर राजस्व प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन करने का निर्देश दिया और अधिकारियों को इन सेवाओं को सरल बनाने के लिए कहा।
उन्होंने अधिकारियों से पट्टेदार पासबुक के लिए वास्तविक समय में स्वचालित म्यूटेशन प्रणाली लागू करने का आदेश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि मालिकों को बार-बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि लोक शिकायत निवारण प्रणाली (पीजीपीआरएस) के अंतर्गत 1,97,915 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 1,00,835 भूमि की प्रकृति और वर्गीकरण से संबंधित थीं।
अधिकारियों ने बताया कि 6,693 गांवों में पुनः सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और 10,123 गांव अभी भी लंबित हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि संपूर्ण पुनः सर्वेक्षण प्रक्रिया दिसंबर 2027 तक पूरी होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने एलपीएम विवादों के शीघ्र समाधान पर जोर दिया और कहा कि ऑनलाइन डाटाबेस में भूमि विवरण उपलब्ध होने पर ऋणभार प्रमाणपत्र जारी करना आसान हो जाएगा।
उन्होंने 22-ए निषिद्ध सूची से भूमि हटाने के आवेदनों पर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने 22-ए फ्रीहोल्ड भूमि के मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता पर बल दिया और ब्लॉकचेन जैसी प्रणाली शुरू करने का सुझाव दिया।
अब तक, संयुक्त कलेक्टरों को भूमि को विवादित के रूप में वर्गीकृत करने का अधिकार था, लेकिन सीएम ने इसे राजस्व संभागीय अधिकारियों को हस्तांतरित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि नगर निगम सीमा के भीतर स्थित आवंटित भूमि का नियमन मंत्रियों की समिति की सिफारिशों के अनुसार किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जाति प्रमाण पत्र और आय प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि राजस्व विभाग को 5,28,217 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 4,55,189 का समाधान किया जा चुका है।
जब अधिकारियों ने बताया कि 22-ए सूची से भूमि हटाने के लिए 6,846 आवेदन दायर किए गए हैं, तो मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों की भूमि को शीघ्र हटाने का निर्देश दिया।
इस समीक्षा बैठक में राजस्व मंत्री अनगनी सत्यप्रसाद, विशेष मुख्य सचिव (राजस्व) साई प्रसाद और सीसीएलए के अधिकारी शामिल रहे।