क्या मंत्री छगन भुजबल ने जलगांव दौरे पर पालक मंत्री को लेकर कुछ कहा?

सारांश
Key Takeaways
- छगन भुजबल का जलगांव दौरा चर्चा का विषय बना।
- उन्होंने अजित पवार के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की।
- स्थानीय चुनावों से दौरे का कोई संबंध नहीं है।
- गिरीश महाजन के बयान पर भुजबल की प्रतिक्रिया।
- स्वागत की भावना को दर्शाने वाला बैनर।
जलगांव, १७ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री छगन भुजबल जलगांव के दौरे पर आए। इस यात्रा के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की। भुजबल, डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ जलगांव पहुंचे, जहां मंत्री माणिकराव कोकाटे सहित अन्य सरकार के मंत्री भी उनके साथ थे।
छगन भुजबल ने स्पष्ट किया कि अजित पवार के इस दौरे को स्थानिक स्वराज्य संस्था (स्थानीय निकाय) के चुनाव की तैयारी से जोड़ना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि हर पार्टी को अपने पक्ष को मजबूत करने का अधिकार है, और इस दौरे का चुनाव से कोई संबंध नहीं है।
भाजपा नेता गिरीश महाजन ने नासिक के गार्जियन मिनिस्टर (पालक मंत्री) को लेकर हाल ही में बयान दिया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भुजबल ने कहा कि कौन पालक मंत्री बने, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। यदि किसी जिले में किसी एक पार्टी का बहुमत है, तो उसी पार्टी को गार्जियन मिनिस्टर का पद मिलना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि मैंने १५ अगस्त और २६ जनवरी को सबसे अधिक झंडावंदन किया है। गिरीश महाजन के बयान से उन्हें कोई खास नाराजगी नहीं है।
जलगांव में एनसीपी (एसपी) के कार्यालय पर छगन भुजबल के स्वागत में एक बैनर लगाया गया, जिस पर उन्होंने कहा कि यदि शरद पवार गुट ने इसका विरोध नहीं किया, तो वह उनका धन्यवाद करते हैं। बैनर लगाना स्वागत की भावना को दर्शाता है।
शरद पवार ने हाल ही में एक जनसभा में कहा था कि उन्होंने ही वसंत दादा पाटिल की सरकार को गिराया था। इस पर छगन भुजबल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि शरद पवार का यह बयान वसंत दादा पाटिल को बड़ा दिखाने वाला है।
उन्होंने कहा कि इसका कोई उल्टा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।