क्या छठ महापर्व को यूनेस्को की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है?

सारांश
Key Takeaways
- छठ महापर्व को यूनेस्को की सूची में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई।
- यह पहल छठी मइया फाउंडेशन और केंद्र सरकार द्वारा समर्थित है।
- संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का योगदान महत्वपूर्ण है।
- यह निर्णय भारत की सांस्कृतिक विरासत के लिए गर्व का विषय है।
नई दिल्ली, 12 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। छठ महापर्व, जो देश की आस्था, पर्यावरण और सांस्कृतिक गौरव का अद्वितीय प्रतीक है, अब अंतरराष्ट्रीय पहचान की ओर बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने छठी मइया फाउंडेशन की महत्वपूर्ण मांग को मान्यता देते हुए संगीत नाटक अकादमी (एसएनए) को निर्देशित किया है कि इस पर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने इस संदर्भ में एक पत्र जारी किया है। इस पहल में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का मार्गदर्शन और सहायता महत्वपूर्ण रही है।
पत्र में उल्लेखित है, "संदीप कुमार दुबे (अध्यक्ष, छठी मइया फाउंडेशन) द्वारा दिनांक 24.07.2025 को भेजे गए पत्र में 'छठ महापर्व' को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (आईसीएच) की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। इस संदर्भ में, एसएनए को नोडल एजेंसी के रूप में प्रस्ताव की जांच और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।"
फाउंडेशन के चेयरमैन संदीप कुमार दुबे ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा, "यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संस्कृति मंत्रालय की सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। छठ केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण की अद्वितीय परंपरा है। यूनेस्को की सूची में इसका शामिल होना भारत और प्रवासी भारतीय समुदाय, दोनों के लिए गर्व का विषय होगा।"
भोजपुरी में अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, "आज हमनी सबके खुशी के दिन बा। छठ पर्व के यूनेस्को कल्चरल हेरिटेज में शामिल करे खातिर भारत सरकार आपन पहल कर देले बा। हम सबसे बड़ा बधाई गजेंद्र सिंह शेखावत जीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी