क्या छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान पर विपक्ष को आपत्ति है?

सारांश
Key Takeaways
- छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को विश्व धरोहर में शामिल किया गया।
- भाजपा विधायक राम कदम ने इस पर खुशी ज़ाहिर की।
- विपक्ष की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए।
- लाडकी बहना योजना को बंद करने के दावे का खंडन किया गया।
- सरकारों का इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
मुंबई, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है, जिस पर भाजपा विधायक राम कदम ने अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने इसे महाराष्ट्र के लिए गर्व का क्षण बताया और कहा कि इसका श्रेय केंद्र और राज्य सरकार को जाता है।
भाजपा विधायक राम कदम ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज के किलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है, उन्हें अंतरराष्ट्रीय नामांकन प्राप्त हुआ है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। मैं मानता हूं कि इसका श्रेय महाराष्ट्र और केंद्र सरकार को जाता है।"
छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में विपक्ष के अनुपस्थित रहने पर राम कदम ने सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "जब विधानसभा में इस उपलब्धि का उत्सव मनाया जा रहा है, तब एनसीपी (शरद पवार गुट), कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी के नेता क्यों नहीं आए? क्या उन्हें छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रति सम्मान प्रकट करने में कोई आपत्ति थी?"
भाजपा विधायक राम कदम ने विपक्ष के ‘लाडकी बहना योजना’ को बंद करने के दावे पर भी पलटवार किया। उन्होंने कहा, "हमने ‘लाडकी बहना योजना’ को अब तक जारी रखा है, लेकिन अब वे (विपक्ष) कह रहे हैं कि इसे दो महीने में बंद कर दिया जाएगा। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि यह योजना कभी नहीं रुकेगी और पहले की तरह जारी रहेगी। साथ ही राशि भी बढ़ाई जाएगी।"
ज्ञात रहे कि सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने विधान भवन में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माला चढ़ाकर और आरती करके उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। हालांकि, इस दौरान विपक्षी दल के नेता नदारद रहे, जिस पर सत्ता पक्ष ने सवाल उठाए हैं।