क्या छिंदवाड़ा कफ सिरप केस में दवा कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी हुई?

सारांश
Key Takeaways
- कफ सिरप के कारण 20 बच्चों की मौत हुई है।
- दवा कंपनी का मालिक रंगनाथन गिरफ्तार किया गया है।
- सरकार ने सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया है।
- विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है।
- डॉक्टर प्रवीण सोनी को भी गिरफ्तार किया गया है।
छिंदवाड़ा, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एक कफ सिरप के कारण 20 बच्चों की मौत के बाद दवा कंपनी के मालिक रंगनाथन को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई चेन्नई पुलिस की मदद से मध्य प्रदेश पुलिस ने की।
जानकारी के अनुसार, रंगनाथन को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से गिरफ्तार किया गया है। मासूम बच्चों की मौत के बाद रंगनाथन फरार हो गया था और पुलिस उसकी लगातार खोज कर रही थी। इसी सिलसिले में पुलिस ने गुरुवार की सुबह उसे पकड़ लिया। रंगनाथन को आगे की जांच के लिए सुंगुवरछत्रम ले जाया जा रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में जिस 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत हुई, वह श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स द्वारा बनाई गई थी। जांच में पता चला कि सिरप में डायएथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा स्वीकृत सीमा से अधिक थी, जिससे बच्चों के गुर्दे (किडनी) फेल हो गए। इस घातक लापरवाही के चलते राज्य सरकार ने श्रीसन फार्मा के सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया।
इस मामले में सिरप लिखने वाले डॉक्टर प्रवीण सोनी को भी गिरफ्तार किया गया है। उनकी जमानत याचिका अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एडीजे) परासिया द्वारा खारिज कर दी गई है।
मृतकों में छिंदवाड़ा जिले के 18 और बैतूल जिले के 2 बच्चे शामिल हैं।
घटना के बाद सीएमएचओ डॉ. नरेश गोनारे और सिविल सर्जन को पद से हटा दिया गया, जबकि डॉ. सुशील कुमार दुबे को सीएमएचओ का प्रभार सौंपा गया। मध्य प्रदेश पुलिस ने मौतों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इसके साथ ही, तमिलनाडु की दवा कंपनी के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का कहना है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी अपराधी बच न पाए। इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।