क्या प्रशांत किशोर खुद कर रहे हैं गलत काम और दूसरों पर उंगली उठा रहे हैं? : चिराग पासवान
सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर का नाम दो राज्यों की मतदाता सूची में है।
- चिराग पासवान ने उन पर दोहरे मतदाता पंजीकरण का आरोप लगाया है।
- सियासत में आरोप-प्रत्यारोप आम बात है।
- बिहार चुनाव में मतदाता सूची पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।
- जनता को अपने मताधिकार की सही जानकारी होनी चाहिए।
पटना, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर का नाम दो राज्यों की मतदाता सूची में आने से सियासी हलचल तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि जो लोग दूसरों पर उंगली उठा रहे हैं, वे खुद भी ऐसी ही गतिविधियों में शामिल हैं। लोग दो राज्यों में मतदाता पहचान पत्र लेकर उपस्थित हैं।
चिराग पासवान ने मीडिया से बातचीत में कहा, "जब आपका खुद का घर शीशे का हो, तो दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंकना चाहिए। यदि आपके पास खुद दो मतदाता पहचान पत्र हैं, तो आप दूसरों पर सवाल कैसे उठा सकते हैं या दूसरों के तथाकथित 'पोल खोल' को उजागर करने का दावा कैसे कर सकते हैं, जब आप खुद दोहरे मतदाता पंजीकरण के आरोपों का सामना कर रहे हैं?"
प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल के कोलकाता पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की भवानीपुर विधानसभा से मतदाता हैं। यहां उनका एपिक नंबर 'आईयूआई0686683' है। उनका सीरियल नंबर 621 है और मतदान केंद्र आर-1 21बी रानीशंकरी लेन स्थित सेंट हेलेन स्कूल के रूप में दर्ज है।
बिहार में, वे सासाराम संसदीय क्षेत्र के करगहर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। उनका मतदान केंद्र रोहतास जिले के अंतर्गत मध्य विद्यालय, कोनार है। कोनार प्रशांत किशोर का पैतृक गांव है।
चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर के दूसरे चरण की घोषणा पर चिराग पासवान ने इसका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह काम होना ही था। हमें इसकी पहले से जानकारी थी। हमने इसका हमेशा समर्थन किया है। बिहार में इससे काफी लाभ देखने को मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष मतदाता सूची को लेकर आरोप लगाता है, इसीलिए यह आवश्यक है कि हर राज्य में एसआईआर लागू हो। इससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि मतदाता सूची में कोई गलती नहीं हो रही है। एसआईआर लागू होने पर किसी दूसरे राज्य का कोई व्यक्ति फर्जी वोट नहीं डाल सकता है।
बिहार चुनाव के दौरान राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव को जननायक कहे जाने पर चिराग पासवान ने कहा कि ये लोग खुद को जननायक बता रहे हैं। लोगों को यह नहीं पता कि जननायक काम से बनते हैं, नाम से नहीं। इससे इन लोगों का अहंकार स्पष्ट हो रहा है।