क्या चुनाव आयोग महाराष्ट्र की गलती को बिहार में सुधारना चाहता है? : दीपांकर भट्टाचार्य

सारांश
Key Takeaways
- बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर है।
- मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई है।
- भाकपा माले के दीपांकर भट्टाचार्य ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
- बिहार के मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा आवश्यक है।
- अपराध और अराजकता का मुद्दा बिहार में गंभीर है।
पटना, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं और अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच, चुनाव आयोग ने राज्य में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का ऐलान किया है, जिसने सियासी हलचल पैदा कर दी है। भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
दीपांकर भट्टाचार्य ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। एक चुनाव शेष था, लेकिन चुनाव आयोग ने ऐसा आदेश जारी किया है कि अब चुनाव में पूरी तरह से अराजकता फैल जाएगी। बिहार को अपराध और अराजकता में धकेलने की कोशिश की जा रही है। हमें बिहार को बचाना है। पहले लोगों को मतदाता सूची में अपना नाम सुनिश्चित करना चाहिए, मतदान के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए, वोटबंदी को खारिज करना चाहिए और फिर बिहार की सरकार को बदलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण से बिहार में लगभग साढ़े चार करोड़ मतदाता प्रभावित होंगे। जब इस पर सवाल उठाया गया, तो चुनाव आयोग ने कहा कि महाराष्ट्र में कुछ खामियां आई थीं, इसीलिए बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण कराया जा रहा है। अब चुनाव आयोग महाराष्ट्र की गलती को बिहार में मतदाताओं की छंटनी करके सुधारना चाहता है।
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि जो मतदाता बाहर हैं, वे बाहर ही रहें, ऐसी मंशा है। सभी को यह नहीं पता कि विशेष गहन पुनरीक्षण में क्या करना है। चुनाव आयोग ने जो दस्तावेज मांगे हैं, वे कई लोगों के पास नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि जनता को सड़क पर आकर विरोध करना चाहिए, तभी चुनाव आयोग को समझ में आएगा। मतदाताओं को मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने गोपाल खेमका हत्याकांड पर एनडीए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि पूरे बिहार में अपराधियों का राज है। बिहार में डबल इंजन की बात होती है, जो पूरी तरह से फेल हो चुकी है। राज्य में सरकार और प्रशासन पूरी तरह से विफल हैं।