क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने दोहा वार्ता में तुरंत संघर्ष विराम पर सहमति जताई?

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क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने दोहा वार्ता में तुरंत संघर्ष विराम पर सहमति जताई?

सारांश

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच दोहा में हुई वार्ता में तुरंत संघर्ष विराम पर सहमति बनी है। यह कदम दोनों देशों के बीच स्थायी शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। कतर और तुर्कीये की मध्यस्थता ने इस प्रक्रिया को संभव बनाया।

Key Takeaways

  • पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने तुरंत संघर्ष विराम पर सहमति जताई।
  • कतर और तुर्कीये ने वार्ता में मध्यस्थता की।
  • दोनों देशों के बीच स्थायी शांति का प्रयास किया जाएगा।
  • अनुवर्ती बैठकें युद्धविराम के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगी।
  • यह कदम सीमा तनाव को कम करने में सहायक हो सकता है।

बीजिंग, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कतर के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने दोहा में आयोजित वार्ता के दौरान तुरंत संघर्ष विराम पर सहमति बनायी है।

बयान में यह भी कहा गया है कि कतर और तुर्कीये की मध्यस्थता से दोनों पक्षों ने शत्रुता समाप्त करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने का समझौता किया है, जिसका उद्देश्य स्थायी शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना है।

इसके अतिरिक्त, दोनों पक्षों ने युद्धविराम के स्थायित्व को सुनिश्चित करने और इसके कार्यान्वयन की विश्वसनीयता को सत्यापित करने के लिए आगामी दिनों में अनुवर्ती बैठकें करने पर भी सहमति जताई। इससे दोनों देशों में सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

कतर के विदेश मंत्रालय ने यह भी उम्मीद जताई है कि यह कदम पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा तनाव को कम करने में सहायक होगा और क्षेत्र में स्थायी शांति की आधारशिला रखेगा।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

यह कहना उचित होगा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष विराम की सहमति से क्षेत्र में स्थिरता का एक नया अध्याय शुरू हो सकता है। यह कदम न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष विराम कब लागू होगा?
संघर्ष विराम लागू होने की तिथि का उल्लेख नहीं किया गया है, लेकिन दोनों पक्ष जल्द ही अनुवर्ती बैठकें करेंगे।
कतर और तुर्कीये की भूमिका क्या है?
कतर और तुर्कीये ने वार्ता में मध्यस्थता की, जिससे शांति समझौता संभव हुआ।
क्या यह समझौता स्थायी है?
दोनों पक्षों ने युद्धविराम के स्थायित्व को सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है, जिससे यह समझौता स्थायी हो सकता है।