क्या एआईएडीएमके अगले सप्ताह से विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार करेगी?
सारांश
Key Takeaways
- 15-23 दिसंबर के बीच उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
- ईपीएस ने यह प्रक्रिया 2026 के चुनावों की तैयारी माना है।
- एआईएडीएमके का लक्ष्य अपनी राजनीतिक ताकत को फिर से हासिल करना है।
- राज्य में डीएमके के खिलाफ एक मजबूत विकल्प बने रहना।
- चुनावों में मजबूत उम्मीदवार उतारने की योजना।
चेन्नई, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएडीएमके ने यह स्पष्ट किया है कि वह 15 से 23 दिसंबर के बीच तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में आयोजित होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों में भाग लेने के इच्छुक पार्टी सदस्यों से आवेदन स्वीकार करेगी।
जनरल सेक्रेटरी एडप्पादी के. पलानीस्वामी (ईपीएस) ने एक आधिकारिक बयान में बताया कि नामांकन फॉर्म 15 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से पार्टी के मुख्यालय में उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद, सभी दिनों में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक फॉर्म प्राप्त किए जा सकेंगे।
ईपीएस ने कहा कि उम्मीदवारों को फॉर्म सीधे एआईएडीएमके के मुख्यालय से प्राप्त करना होगा, सभी आवश्यक विवरण सही-सही भरने होंगे, और निर्धारित तिथियों के भीतर जमा करने होंगे। पार्टी की नेतृत्व टीम इस प्रक्रिया को 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में एक महत्वपूर्ण कदम मानती है, जिससे उन्हें उम्मीद है कि यह एक बड़ी राजनीतिक वापसी का कारण बनेगा।
1972 में डीएमके से अलग होने के बाद एम.जी. रामचंद्रन (एमजीआर) द्वारा स्थापित एआईएडीएमके तेजी से तमिलनाडु की सबसे शक्तिशाली राजनीतिक ताकतों में से एक बन गई।
एमजीआर और बाद में जे. जयललिता के नेतृत्व में, पार्टी ने दशकों तक राज्य की राजनीति पर शासन किया और बड़े पैमाने पर कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं, जिससे उसका जनसमर्थन मजबूत हुआ। इसके शासन मॉडल और चुनावी सफलताओं ने इसे राज्य की दो-पार्टी प्रधान प्रणाली में डीएमके के सामने एकमात्र मजबूत विकल्प बना दिया।
हालांकि, 2016 में जयललिता के निधन के बाद, पार्टी एक कठिन दौर में चली गई, जिसमें अंदरूनी फूट, नेतृत्व की लड़ाई और बदलते गठबंधन देखने को मिले। हालांकि ईपीएस ने अंततः नियंत्रण मजबूत कर लिया और पार्टी मुख्य विपक्ष बनी रही, लेकिन उसे 2019 के लोकसभा, 2021 के विधानसभा चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों में चुनावी झटके लगे।
डीएमके के सत्ता में लौटने से एआईएडीएमके संगठनात्मक पुनर्गठन के दौर में और चली गई। हाल के महीनों में, एआईएडीएमके के नेताओं ने पार्टी के जमीनी नेटवर्क को पुनर्जीवित करने, डीएमके विरोधी नैरेटिव को तेज करने और अपनी गठबंधन रणनीति को मजबूत करने के प्रयास तेज किए हैं।
ईपीएस ने कई बार कहा है कि तमिलनाडु के लोग डीएमके सरकार से निराश हैं और एआईएडीएमके के नेतृत्व वाला गठबंधन 2026 में निर्णायक जीत हासिल करेगा।
बुधवार को हुई एआईएडीएमके जनरल काउंसिल ने ईपीएस को एआईएडीएमके-भाजपा गठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में भी घोषित किया। यह नई चुनावी कोशिश ऐसे समय में हो रही है जब अभिनेता विजय की टीवीके एक संभावित चुनौती के रूप में उभर रही है।
15 से 23 दिसंबर तक नामांकन खुलने से एआईएडीएमके का इरादा साफ होता है कि वह मजबूत उम्मीदवार उतारेगी और तीन क्षेत्रों में होने वाली बड़ी चुनावी लड़ाई की तैयारी करते हुए अपनी गति फिर से हासिल करेगी।