क्या भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान फिर बढ़ा, अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी?
सारांश
Key Takeaways
- जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर पहुंचा।
- टैक्स कटौती ने खर्च करने की क्षमता बढ़ाई।
- मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में मजबूती।
- महंगाई 2.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद।
- आने वाले वर्ष में चुनौतियां और अवसर दोनों मौजूद हैं।
नई दिल्ली, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भारत की आर्थिक वृद्धि (जीडीपी ग्रोथ) का अनुमान वित्त वर्ष 2026 के लिए 7.2 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। पहले यह अनुमान 6.5 प्रतिशत था। एडीबी के अनुसार, हाल ही में हुई टैक्स कटौती के कारण लोगों की खर्च करने की क्षमता में वृद्धि हुई है, जिससे भारत की आर्थिक बढ़त और तेज हुई है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुमान में 0.7 प्रतिशत की यह भारी बढ़ोतरी एशिया की पूरी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ का अनुमान भी 5.1 प्रतिशत कर दिया है, जबकि पहले यह 4.8 प्रतिशत था।
एडीबी की एशियन डेवलपमेंट आउटलुक, दिसंबर 2025 के अनुसार, 2025 के लिए भारत की ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है। जुलाई–सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 8.2 प्रतिशत रही, जो पिछले 6 तिमाहियों में सबसे अधिक है। इससे चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल ग्रोथ 8 प्रतिशत हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, तेज ग्रोथ मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की मजबूती और खर्च व निवेश में वृद्धि के कारण हुई। एडीबी ने वित्त वर्ष 2027 के लिए ग्रोथ अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर ही रखा है।
हाल ही में आरबीआई ने दिसंबर की मौद्रिक नीति में जीडीपी अनुमान बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया था। हालांकि, केंद्रीय बैंक का मानना है कि वर्ष की दूसरी छमाही में ग्रोथ थोड़ी धीमी हो सकती है, क्योंकि सरकार का पूंजी खर्च कम होगा और अमेरिका द्वारा लगाए गए ऊंचे टैरिफ से भारत के कुछ निर्यात प्रभावित हो सकते हैं।
इसके बावजूद मजबूत ग्रामीण मांग, जीएसटी में कटौती और बैंकों द्वारा ज्यादा कर्ज देने से आर्थिक गतिविधियां सकारात्मक बनी रहेंगी। सर्विस सेक्टर, जिसने पहली छमाही में 9.3 प्रतिशत की ग्रोथ दिखाई, आगे भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगले वर्ष चुनौतियां और अवसर दोनों मौजूद रहेंगे। एक ओर व्यापार तनाव और मौसम से जुड़ी समस्याएं जोखिम बन सकती हैं, वहीं दूसरी ओर अगर अमेरिका के साथ टैरिफ कम करने पर समझौता होता है तो भारत को बड़ा लाभ मिल सकता है।
वहीं वित्त वर्ष 2026 में महंगाई घटकर 2.6 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, क्योंकि फसल पैदावार अच्छी रही है और जीएसटी दरों में कटौती की गई है। हाल ही में सब्जियों और दालों की कीमतों में कमी के कारण महंगाई और भी नीचे आई है। हालांकि वित्त वर्ष 2027 की शुरुआत में महंगाई थोड़ा बढ़ सकती है।
-राष्ट्र प्रेस
दुर्गेश बहादुर/एबीएस