क्या भारतीय सेना ने श्रीलंका में दित्वाह से प्रभावित ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को बहाल किया?

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क्या भारतीय सेना ने श्रीलंका में दित्वाह से प्रभावित ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को बहाल किया?

सारांश

श्रीलंका में दित्वाह तूफान के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन बंधु के तहत संचार सेवाओं को बहाल किया। इस कार्य में स्थानीय सेना और सिविल अधिकारियों ने सहयोग किया, जिससे प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक कनेक्टिविटी फिर से स्थापित हो गई। इस प्रयास ने भारत की सहायता की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है।

Key Takeaways

  • श्रीलंका में संचार सेवाओं की बहाली
  • ऑपरेशन बंधु के तहत भारतीय सेना का कार्य
  • स्थानीय सहयोग की महत्ता
  • जमीनी चिकित्सा सहायता में सुधार
  • भारत की तत्परता और प्रतिबद्धता

नई दिल्ली, ११ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंका में तूफान दित्वाह के कारण आई तबाही के बाद से भारत ऑपरेशन बंधु के तहत निरंतर सहायता प्रदान कर रहा है। भारतीय सेना खराब पुलों की मरम्मत, संपर्क बहाल करने और जमीनी चिकित्सा सहायता को मजबूत करने में तेजी से जुटी हुई है। इस प्रक्रिया में श्रीलंका में संचार सुविधाएं फिर से बहाल हो गई हैं।

ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारतीय सेना, श्रीलंकाई सेना और स्थानीय सिविल अधिकारियों के साथ मिलकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य कर रही है।

श्रीलंका में भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया, "ऑपरेशन सागरबंधु ने आवश्यक कनेक्टिविटी को फिर से स्थापित किया। तूफान दित्वाह के भयानक प्रभाव के बाद, एडजीपीआई शत्रुजीत ब्रिगेड इंटीग्रेटेड टास्क फोर्स ने कैंडी के पास महियांगनया में तूफान से प्रभावित ऑप्टिकल फाइबर केबल को शीघ्रता से ठीक किया, जिसके कारण बड़े पैमाने पर संचार में बाधा उत्पन्न हुई थी। इस त्वरित कार्यवाही से प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक कनेक्टिविटी सफलतापूर्वक पुनर्स्थापित हो गई।"

उन्होंने यह भी कहा कि यह भारत की पहली प्रतिक्रिया के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सबसे ज्यादा जरूरत पड़ने पर सशक्त और विश्वसनीय संचार इंफ्रास्ट्रक्चर को बहाल करता है।

इस संदेश को साझा करते हुए विदेश मंत्रालय ने लिखा, "महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी को पुनर्स्थापित करना, उम्मीद जगाना।" बुधवार को भारतीय सेना ने कैंडी के निकट महियांगनया में एक महत्वपूर्ण ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क को सुधारने का कार्य किया। तूफान के बाद से पूरे क्षेत्र में संचार में बड़ी रुकावट आई थी।

शत्रुजीत ब्रिगेड इंटीग्रेटेड टास्क फोर्स ने मरम्मत का कार्य किया, जिससे प्रभावित समुदायों के लिए आवश्यक कनेक्टिविटी फिर से शुरू हो गई। कोलंबो में भारतीय हाई कमीशन ने एक बयान में कहा, "यह सबसे पहले मदद करने वाले के रूप में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है; जब सबसे ज्यादा आवश्यकता होती है तो यह सशक्त और विश्वसनीय संचार इंफ्रास्ट्रक्चर को पुनर्स्थापित करता है।"

इससे पहले भारतीय सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स (ईटीएफ) ने जाफना में खराब पुलिया की मरम्मत और उसे हटाने का कार्य प्रारंभ किया है। पहिएदार एक्सकेवेटर का उपयोग कर टीम श्रीलंका की रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी (आरडीए) को पुनः सक्रिय करने में तेजी लाने में सहयोग कर रही है।

इसके अलावा, भारतीय नौसेना ने भी इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी सहायता बढ़ाई। इससे पहले ८ दिसंबर को चार और जहाज, आईएनएस घड़ियाल, एलसीयू ५४, एलसीयू ५१ और एलसीयू ५७ को तूफान से प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री पहुँचाने के लिए तैनात किया गया।

—राष्ट्र प्रेस

केके/वीसी

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत ने श्रीलंका में आपदा राहत कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई है। ऑपरेशन बंधु के तहत की गई सहायता ने न केवल संचार को बहाल किया है, बल्कि यह भी प्रदर्शित किया है कि जब भी आवश्यकता होती है, भारत हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़ा होता है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

ऑपरेशन बंधु क्या है?
ऑपरेशन बंधु एक मानवीय सहायता और आपदा राहत मिशन है, जिसे भारतीय सेना द्वारा श्रीलंका जैसे देशों में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान करने के लिए चलाया जाता है।
क्या भारतीय सेना ने अकेले यह कार्य किया?
नहीं, भारतीय सेना ने श्रीलंकाई सेना और स्थानीय सिविल अधिकारियों के साथ मिलकर कार्य किया।
तूफान दित्वाह ने किस प्रकार की क्षति की?
तूफान ने संचार नेटवर्क, पुलों और अन्य बुनियादी ढांचों को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।
संचार सेवाएं कब बहाल हुईं?
संचार सेवाएं तूफान के बाद शीघ्रता से बहाल की गईं, खासकर ऑप्टिकल फाइबर केबल की मरम्मत के बाद।
भारत की सहायता का महत्व क्या है?
भारत की सहायता इस बात का प्रमाण है कि वह अपने पड़ोसी देशों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहता है, विशेष रूप से आपदा के समय।
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