क्या गंगोत्री नेशनल पार्क में कड़ाके की ठंड ने पानी को बर्फ में बदल दिया?

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क्या गंगोत्री नेशनल पार्क में कड़ाके की ठंड ने पानी को बर्फ में बदल दिया?

सारांश

गंगोत्री नेशनल पार्क में कड़ाके की ठंड से ऊपरी इलाकों में पानी जमकर बर्फ में बदल गया है। यहां बर्फबारी के कारण स्थानीय ग्रामीणों को पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। वन विभाग ने इसे लेकर निगरानी शुरू कर दी है।

Key Takeaways

  • गंगोत्री नेशनल पार्क में ठंड का प्रकोप बढ़ा है।
  • ऊपरी इलाकों में पानी जमकर बर्फ में बदल गया है।
  • स्थानीय ग्रामीण बर्फ के बीच अपने दैनिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।
  • वन विभाग ने निगरानी तेज कर दी है।
  • बर्फबारी का प्राकृतिक संतुलन पर असर पड़ रहा है।

गंगोत्री, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इन दिनों गंगोत्री नेशनल पार्क में कड़ाके की ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे यहां के ऊपरी इलाकों का पानी जमकर बर्फ में बदल गया है।

गंगोत्री धाम, चीड़वासा और कनखू बैरियर जैसे ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फ की मोटी परत जम चुकी है, जिससे स्थानीय ग्रामीणों और पार्क कर्मियों के लिए पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। यहां के लोग और वनकर्मी जमे हुए पानी को गर्म करके पीने और अन्य उपयोगों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

बर्फबारी के कारण निचले इलाकों में भी सर्दी का असर बढ़ गया है। ऊपरी हिमालय में बर्फबारी के बाद तापमान में गिरावट ने इन क्षेत्रों को और भी ठंडा बना दिया है। वन विभाग और गंगोत्री नेशनल पार्क की टीम विपरीत मौसम की चुनौतियों के बावजूद गश्त और निगरानी जारी रखे हुए है। वे लगातार वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण में जुटे हुए हैं, ताकि किसी भी तरह का नुकसान न हो।

यह ठंड और बर्फबारी गंगोत्री क्षेत्र के प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन यह स्थानीय जीवन को भी प्रभावित कर रही है। इसके बावजूद स्थानीय ग्रामीण और कर्मचारी ठंड से जूझते हुए अपने दैनिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।

गंगोत्री धाम क्षेत्र में तापमान लगातार शून्य से नीचे जा रहा है, जिससे विभागीय टीमों को दैनिक कार्यों में भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद कर्मचारी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पहुंचकर ट्रैप कैमरे सफलतापूर्वक स्थापित कर चुके हैं।

बर्फबारी के दौरान होने वाली अवैध शिकार गतिविधियों पर निगरानी में भी ये तकनीक कारगर साबित हो रही है। फुटेज से वन्यजीवों की जनसंख्या का आकलन और उनके आवागमन के पैटर्न का विश्लेषण करना विभाग के लिए आसान हो जाता है।

वन विभाग का कहना है कि शीतकाल के दौरान इस निगरानी से न सिर्फ पार्क की जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि दुर्लभ प्रजातियों के संरक्षण प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी। यही नहीं, अगर कोई अप्रत्याशित गतिविधि होगी, उस पर भी नजर रहेगी।

Point of View

बल्कि स्थानीय जीवन पर भी इसका गहरा असर पड़ रहा है। वन विभाग की सक्रियता से हम उम्मीद कर सकते हैं कि जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

गंगोत्री नेशनल पार्क में ठंड क्यों बढ़ी है?
गंगोत्री नेशनल पार्क में ठंड का प्रकोप बढ़ने का मुख्य कारण ऊपरी हिमालय में बर्फबारी है, जिससे तापमान में गिरावट आई है।
स्थानीय लोग इस ठंड का सामना कैसे कर रहे हैं?
स्थानीय लोग जमे हुए पानी को गर्म करके उपयोग कर रहे हैं और दैनिक कार्यों को अंजाम दे रहे हैं।
वन विभाग इस ठंड के दौरान क्या कर रहा है?
वन विभाग ने निगरानी और गश्त जारी रखी है ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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