क्या सीएम हिमंता लंदन में वृंदावनी वस्त्रों को वापस लाने के लिए समझौता करेंगे?

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क्या सीएम हिमंता लंदन में वृंदावनी वस्त्रों को वापस लाने के लिए समझौता करेंगे?

सारांश

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है, जिससे वृंदावनी वस्त्र को असम में वापस लाने की प्रक्रिया शुरू होगी। यह कलाकृति असम की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

Key Takeaways

  • सीएम हिमंता की लंदन यात्रा का मुख्य उद्देश्य वृंदावनी वस्त्र की वापसी है।
  • ब्रिटिश संग्रहालय के साथ ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होंगे।
  • यह वस्त्र असम की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है।
  • संग्रहालय की स्थापना खानापाड़ा में की जाएगी।
  • यह समझौता भारत के ऐतिहासिक कलाकृतियों के पुनः प्राप्त करने का एक कदम है।

नई दिल्ली, १७ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि सोमवार को लंदन में ब्रिटिश संग्रहालय के साथ एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाने वाले हैं। इससे ऋण समझौते के तहत पवित्र वृंदावनी वस्त्र को असम में वापस लाने की संभावना बनेगी।

यह वृंदावनी वस्त्र असम की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पर सीएम हिमंता ने रविवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "कल असम और भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। हम ब्रिटिश संग्रहालय के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं ताकि पवित्र वृंदावनी वस्त्र को स्वदेश लाया जा सके। विकास और विरासत हमारे शासन के प्राथमिक लक्ष्यों में रहेंगे।"

यह यात्रा ब्रिटेन में एक उच्च-स्तरीय दौरे के तहत की जा रही है, जिसका उद्देश्य ऐतिहासिक वस्त्र की स्वदेश वापसी पर बातचीत करना है।

सीएम सरमा ने अपनी यात्रा के पहले दिन स्थानीय भारतीय समुदाय के साथ संवाद किया। उन्होंने बताया, "लंदन में अपने पहले दिन मैंने शहर का दौरा किया। हम गुवाहाटी के रिवरफ्रंट का विकास कर रहे हैं और कुछ वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं अपने मेहनती प्रवासी समुदाय से भी मिला।"

सीएम हिमंता १५ नवंबर को लंदन के लिए रवाना हुए थे, उनका मुख्य लक्ष्य वृंदावनी वस्त्र की स्वदेश वापसी सुनिश्चित करना है। यह १६वीं शताब्दी का एक मूल्यवान रेशमी वस्त्र है जो नव-वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के मार्गदर्शन में बनाया गया था।

सीएम के अनुसार, इस कलाकृति को ब्रिटिश संग्रहालय में संरक्षित किया गया है और इसे २०२७ में असम में प्रदर्शित करने की योजना है। लंदन के लिए रवाना होने से पहले, उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी किया जिसमें उन्होंने इस मिशन के महत्व और तैयारी की जानकारी दी।

उन्होंने कहा, "शायद कल हम २०२७ में वृंदावनी वस्त्र को असम लाने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेंगे। अगले दो वर्षों में, हमें इसे सुरक्षित रखने के लिए एक संग्रहालय बनाना होगा। हमारी सरकार ने इसके लिए गुवाहाटी के खानापाड़ा क्षेत्र में भूमि आवंटित की है।"

खानापाड़ा में प्रस्तावित संग्रहालय एक सुरक्षित, जलवायु-नियंत्रित सुविधा के रूप में कार्य करेगा, जो सदियों पुराने वस्त्रों को प्रदर्शित और संरक्षित करने में सक्षम होगा। वृंदावनी वस्त्र की अस्थायी वापसी से असम में सांस्कृतिक गौरव बढ़ेगा और शंकरदेव के वैष्णव पुनर्जागरण की कलात्मक और आध्यात्मिक विरासत को उजागर करेगा।

यह समझौता ज्ञापन ऐतिहासिक रूप से विस्थापित कलाकृतियों से फिर से जुड़ने और भावी पीढ़ियों के लिए उनकी दृश्यता सुनिश्चित करने के भारत के निरंतर प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

Point of View

बल्कि यह भारत के लिए भी एक अवसर है कि वह अपनी ऐतिहासिक कलाकृतियों को पुनः स्थापित कर सके। यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक हो सकता है।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

वृंदावनी वस्त्र क्या है?
वृंदावनी वस्त्र एक अमूल्य रेशमी वस्त्र है जो 16वीं शताब्दी में बनाया गया था।
सीएम हिमंता की यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
सीएम हिमंता की यात्रा का मुख्य उद्देश्य वृंदावनी वस्त्र की स्वदेश वापसी के लिए समझौते पर हस्ताक्षर करना है।
इस समझौते से असम को क्या लाभ होगा?
इस समझौते से असम की सांस्कृतिक धरोहर को सम्मान मिलेगा और इसे 2027 में असम में प्रदर्शित किया जाएगा।
ब्रिटिश संग्रहालय में वृंदावनी वस्त्र कब प्रदर्शित होगा?
वृंदावनी वस्त्र को 2027 में असम में प्रदर्शित करने की योजना है।
खानापाड़ा में प्रस्तावित संग्रहालय का क्या महत्व है?
यह संग्रहालय सदियों पुराने वस्त्रों को सुरक्षित रखने और प्रदर्शित करने का कार्य करेगा।
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